Wednesday, March 28, 2012

क्या देश में पनप रहा है एक नया कश्मीर!


March 28th, 2012
मुम्बई। क्या महाराष्ट्र आतंकवादियों का शरणस्थली बन गया है? यह सवाल इन दिनों राज्य की जनता की जुबान पर है। क्योंकि औरंगाबाद में आतंकवादियों से मुठभेड़ की घटना के दूसरे ही दिन अब आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने बुलढाणा जिले से दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।

एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार बुलढाणा जिले में कई महीनों से छुपे संदिग्ध आतंकवादी अखिल मोहम्मद युसूफ खिलजी और मोहम्मद जाफर को गिरफ्तार किया गया है। बताया जाता है कि इन दोनों की गिरफ्तारी सोमवार को औरंगाबाद जिले में एटीएस के साथ मुठभेड़ में पकड़े गये मोहम्मद अबरार खान उर्फ मुन्ना और शाकिर हुसैन की निशानदेही पर हुई है।

चौकाने वाली बात यह है कि अखिल और जाफर दोनों भी मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के मूल निवासी बताये जा रहे हैं। इसके अलावा ये दोनों भी प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य रहे अबू फैजल से अतीत में जुड़े रहे हैं।

एटीएस के सूत्रों का कहना है कि सोमवार को मुठभेड़ में मारा गया आतंकवादी खलिल कुरैशी 1999 में औरंगाबाद में सिमी के सफदर नागोरी द्वारा बुलाई गई इख्वानपरिषद में शामिल हुआ था। इतना ही नहीं इस परिषद में 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल बम विस्फोट की वारदात का संदिग्ध आतंकवादी मोहम्मद अबरार खान भी आया था।

गिरफ्तार आतंकवादियों से बड़े खुलासे की उम्मीद

सोमवार को औरंगाबाद से मोहम्मद अबरार खान व शाकिर हुसैन और मंगलवार को बुलढाणा से अखिल खिलजी व मोहम्मद जाफर की गिरफ्तारी के बाद एटीएस को इन चारों संदिग्ध आतंकवादियों से बड़े खुलासे की उम्मीद है।

एटीएस के अधिकारियों के जेहन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि म.प्र. के विभिन्न जिलों में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले ये आतंकवादी आखिर महाराष्ट्र में क्यों पनाह लिये हुए थे? इन्हें महाराष्ट्र में कौन मदद कर रहा था? क्या ये आतंकवादी महाराष्ट्र को दहलाने की किसी साजिश को अंजाम देने के लिए महाराष्ट्र में इकट्ठा हुए थे?

हालांकि अभी तक की पूछताछ में अयोध्या प्रकरण में फैसला सुनाने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति डी.वी. शर्मा, सुधीर अग्रवाल और एस.यू. खान की हत्या की साजिश रचे जाने की अबरार व खलिल ने एटीएस को जानकारी दी है।

क्या है ऑपरेशन माल-ए-गनिमत

एटीएस को गिरफ्तार आतंकवादियों से माल-ए-गनिमतनामक एक ऑपरेशन (मुहिम) की जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि म.प्र. में गिरफ्तार आतंकवादियों ने बैंक डकैती या फिर इस प्रकार की जो भी वारदातों को अंजाम दिया था। उससे मिली रकम को माल-ए-गनिमतके तहत पुलिस मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादियों के परिजनों तक आर्थिक मदद के रूप में पहुंचाई जाती थी।

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