Wednesday, December 7, 2011

अफस्पा के विरोध में जम्मू हुआ मुखर


जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का राज्य के कई हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) हटाने के फैसले का जम्मू संभाग में विरोध खुलकर सामने आने लगा है। सांबा में उमर की सभा में इस कानून के विरोध के बाद जानीपुर में मंगलवार को लोगों ने अफस्पा को हटाने के विरोध में प्रदर्शन किया। विदित हो कि सोमवार देर रात को नगरोटा के ग्लेडनी में डाटा सेंटर का उद्घाटनकरतेहुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि अफस्पा हटाने का उनका फैसला भावनात्मक नहीं, तथ्यों पर आधारित है। जानीपुर में पीपुल्स इंपावरमेंट मूवमेंट ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अफस्पा हटाने के प्रयासों के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों के आरोप थे कि उमर अलगाववादी तत्वों को शह दे रहे हैं। 

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मूवमेंट के कंवीनर राजेंद्र शर्मा ने कहा कि पूरा जम्मू चाहता है कि अफस्पा रहना चाहिए। कश्मीर केंद्रित उमर यह समझने के लिए तैयार नहीं हैं। सांबा में राजेश कुमार ने मुख्यमंत्री को यही संदेश दिया है। वहीं, अफस्पा हटाने के मुद्दे पर दिल्ली से बात करने के लिए नवंबर में बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी के सदस्य भी इस मामले पर चुप है। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो दिल्ली जाने की तिथि तभी निश्चित होगी, जब कमेटी के सदस्य व उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनायक से विचार करेंगे। डीजीपी कुलदीप खुड्डा, जनरल परनायक के साथ राज्य के गृह सचिव बीआर शर्मा भी कमेटी के सदस्य हैं। वहीं, मंगलवार को एक कार्यक्रम में डीजीपी ने कमेटी के दिल्ली दौरे के बारे में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुद्दे पर बहुत चर्चा हो चुकी है। अब और कुछ बोलने की जरूरत नहीं है।

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