Monday, September 5, 2011

अमेरिका ने वर्ष 2001 से गिलानी से बना रखी है दूरी


श्रीनगर/नई दिल्ली। भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने मीरवाइज उमर फारूक समेत कश्मीर के शीर्ष चार अलगाववादी नेताओं को चार बंदूकधारी सिपाही कहकर संबोधित करता है। अमेरिका वर्ष 2001 से ही कट्टरपंथी नेता सईद अली शाह गिलानी के आतंकी संगठनों से संबंध को लेकर कोई संपर्क नहीं नीति पर कायम है। मीरवाइज के अलावा ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी भट, मौलवी अब्बास अंसारी और बिलाल लोन तीन अन्य मस्कटीर्स (बंदूकधारी सिपाही) हैं। भारत स्थित अमेरिकी दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त दस्तावेज को विकिलीक्स ने सार्वजनिक किया है। उसमें कहा गया है कि बिलाल (मीरवाइज उमर फारूक, प्रो ए जी भट्ट और मौलवी अंसारी समेत) चार शीर्ष नेताओं में एक मस्कटीर्स है। वर्ष 2005 के पहले भेजे गए मूल दस्तावेज के आंशिक निष्कर्ष में इसका उल्लेख किया गया है। मूल दस्तावेज में कश्मीर से जुड़े नेताओं का पूरा ब्योरा दिया गया है।ं कश्मीर के नेताओं, सरकारी अधिकारियों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और स्वयंसेवी संगठनों के कार्यकताओं की जीवनी से जुड़ी तीन खंडों की यह रिपोर्ट नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने तैयार की थी। इस रिपोर्ट को जिस अधिकारी ने तैयार किया है उसके नाम के अंत में ब्लैक लिखा है। उसका मानना है कि गिलानी सबसे कट्टर और समझौता नहीं करने वाला पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी है।
(दैनिक जागरण)

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