Wednesday, September 28, 2011

प्रजा के हितैषी थे महाराजा


जम्मू, 24 सितम्बर। महाराजा हरि सिंह की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने महाराजा हरि सिंह को एक दूरदर्शी राजा बताया। उन्होंने कहा कि उन्हीं के प्रयासों से जम्मू-कश्मीर आज भारत का अटूट अंग है। अमर क्षत्रिय राजपूत सभा के अध्यक्ष नारायण सिंह ने कहा कि बहुत से कार्य जो महाराजा हरि सिंह ने करवाए हैं, उन्हें राजनेता अपनी पार्टी द्वारा करवाए कार्य बताते हैं। इसी बात का समर्थन करते हुए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता मोहन सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विलय भारत के साथ महाराजा हरि सिंह ने करवाया, जबकि श्रेय किसी और को दिया जाता है। सांसद चौ. लाल सिंह ने कहा कि महाराजा ने समाज के उत्थान के लिए कई नियम कानून बनाए। डुग्गर प्रदेश पार्टी के अध्यक्ष उदय चंद ने कहा कि महाराजा हमेशा आत्म सम्मान से जीने के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने कहा कि महाराजा राज्य छोड़ कर क्यों चलेगे इसके पीछे क्या कारण रहे। उन पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। कैप्टन दिवान सिंह सिंह ने कहा कि राज्य से उनके पास मिलने जो भी जाता वह उसे पूरा सम्मान देते थे। वह उसे परिवार के सदस्य की तरह समझते थे। हरि सिंह चौक में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत हवन के साथ हुई। पूर्व सेशन जज पीएस भारद्वाज, सेवानिवृत्त मेजर जनरल जीएस जम्वाल, इंद्रजीत खजुरिया, मोहिंद्र सिंह जम्वाल, आरएस जसरोटिया, आंचल सिंह, सुदर्शन सिंह, बचन सिंह आदि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में हास्य कवि सुरेंद्र सिंह मन्हास की कविता को पसंद किया। सांबा में हरि सिंह चौक पर महाराजा हरि सिंह की जयंती पर श्रद्धांजलि समारोह सेवानिवृत्त मेजर दिलीप सिंह की अध्यक्षता में हुआ। सेवानिवृत्त कैप्टन सरदार सिंह, केडी सिंह सलाथिया, डॉ. जगदीप सिंह, कर्नल मोहन सिंह, सत्यपाल, मेजर सूरज सिंह, श्री अमर क्षत्रिय राजपूत सभा के जिला प्रधान कैप्टन इंद्र सिंह उपस्थित थे।

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