Wednesday, September 28, 2011

घाटी के लोग आतंकियों के खिलाफ


श्रीनगर, 22 सितम्बर ।कातिलों को फांसी दो-फांसी दो, मौलाना शौकत की हत्या की साजिश को बेनकाब करो करते हुए बुधवार को सैकड़ों की तादाद में लोग लालचौक में एक जुलूस की शक्ल में निकले। जो भी जुलूस को देखता हैरान हो जाता, क्योंकि बीते बीस सालों में पहली बार लोग आतंकियों को फांसी की मांग करते हुए सड़क पर निकले थे। लोग किसी आतंकी संगठन या किसी आतंकी सरगना का नाम नहीं ले रहे थे, लेकिन नारे लगाने वाले और जुलूस देख रही भीड़ अच्छी तरह जानते थे कि कातिल कौन है।

जमायत-ए-अहल-ए-हदीस के कार्यकर्ता राज्य के विभिन्न हिस्सों से आज मैसूमा स्थित अपने मुख्यालय में जमा हुए और वहीं से एक जुलूस की शक्ल में निकले। जुलूस ठीक उसी जगह से शुरू हुआ, जहां लश्कर और तहरीकुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने मिलकर मौलाना शौकत की मौत का कारण बनने वाली आइईडी लगाई थी। हदीस के अध्यक्ष गुलाम रसूल मलिक की अध्यक्षता में जुलूस में शामिल जमायत कार्यकर्ता मौलाना के कातिलों की फांसी की सजा के साथ-साथ मौलाना शौकत की उम्मीदों के अनुरूप कश्मीर में ट्रांस्व‌र्ल्ड मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग भी कर रहे थे।
गावकदल, मैसूमा और लालचौक के आस-पास के इलाकों से गुजरते हुए प्रदर्शनकारी जब बडशाह चौक पहुंचे तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। इस पर जमायत कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए। जमायत प्रमुख गुलाम रसूल मलिक ने इस मौके पर वहां अपने कार्यकर्ताओं व अन्य लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि मौलाना शौकत की हत्या की साजिश को पूरी तरह बेनकाब कर उनके हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए। हम अभी तक हुई जांच से संतुष्ट नहीं हैं।
मलिक ने कहा कि इसके साथ ही हम चाहते कि मौलाना शौकत ने जिस ट्रांस्व‌र्ल्ड मुस्लिम विश्वविद्यालय का ख्वाब देखा था, वह पूरा हो। सरकार को चाहिए कि वह इस विश्वविद्यालय की राह में रोडे़ अटकाने के बजाय इसी स्थापना के लिए ठोस पग उठाए। उन्होंने इस मौके पर सरकार को पांच अक्टूबर तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो हमारे 15 लाख सदस्य, 125 स्कूल और 700 मस्जिदों से संबंधित सभी लोग सड़कों पर आ जाएंगे और इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि आठ अप्रैल को मैसूमा में एक मस्जिद के बाहर हुए आइईडी विस्फोट में जमायत के तत्कालीन प्रमुख मौलाना शौकत की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए दावा किया था कि हत्या की साजिश लश्कर व तहरीकुल मुजाहिदीन नामक दो आतंकी संगठनों ने रची थी और इस सिलसिले में छह लोगों अब्दुला गनी डार उर्फ गजाली, जावेद अहमद मुंशी उर्फ बिल पापा, निसार अहमद खान उर्फ इसहाक, अब्दुल मजीद डार, गुलजार अहमद खान और रियाज अहमद शाह को हिरासत में लिया गया है।

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