Thursday, February 23, 2012

फिर गर्माया भेदभाव का मुद्दा


जम्मू। सरकार की ओर से राज्य में सोलह नई शहरी स्थानीय निकाय के गठन में जम्मू से भेदभाव का मुद्दा गर्मा गया है। राज्य विधानसभा सत्र से ठीक पहले विपक्ष को गठबंधन सरकार के खिलाफ एक और मुद्दा मिल गया है, जिसे लेकर विभिन्न दल सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सचिवालय के बाहर इस मुद्दे पर सरकार का घेरने का फैसला किया है। भेदभाव के मुद्दे पर फ्रंट वीरवार शाम शहर में मशाल रैली निकालने जा रही है। फ्रंट के चेयरमैन अनिल गुप्ता ने सरकार के फैसले को जम्मू से भेदभाव की ताजा मिसाल बताते हुए कहा कि सरकार ने कश्मीर में बारह जबकि जम्मू में चार नई शहरी स्थानीय निकाय बनाकर साबित कर दिया है कि सरकार की नजर में कश्मीर सर्वोपरि है। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्थानीय निकाय की संख्या के आधार पर ही नगर निगम को फंड जारी करती है और जम्मू में इनकी संख्या कम होने से विकास कार्यो पर भी असर पड़ेगा। उधर, प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी इसे जम्मू से भेदभाव करार देते हुए कहा है कि पिछले तीन साल में इस गठबंधन सरकार ने हर क्षेत्र में जम्मू की अनदेखी की है। इस मुद्दे पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को गंग्याल में सरकार विरोधी प्रदर्शन भी किया। भाजपा के जम्मू जिला प्रधान राजेश गुप्ता की अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला जलाकर अपना रोष भी प्रकट किया। जम्मू से कांग्रेस मंत्रियों के इस्तीफे की मांग करते हुए राजेश गुप्ता ने कहा कि जम्मू से भेदभाव के लिए ये मंत्री सबसे अधिक दोषी है और इन मंत्रियों ने जम्मू की जनता के साथ विश्वासघात किया है। विधानसभा चुनाव 2008 में जनता ने इन पर विश्वास व्यक्त कर विधानसभा भेजा था। भाजपा इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और आने वाले दिनों में विधानसभा व सदन के बाहर भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा। (दैनिक जागरण, 23 फरवरी 2012)

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