Sunday, February 12, 2012

गिलगिट-बाल्टिस्तान चीन को देने की पाक की तैयारी


वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिका के साथ तनाव के बीच चीन से अपने रिश्ते को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान 50 सालों के लिए बीजिंग को देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। अमेरिका के प्रतिष्ठित मिडल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में स्थानीय उर्दू अखबारों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान का यह कदम अमेरिका के साथ कभी भर न सकने वाले दरारों के बीच चीन के साथ संबंधों को पूरी तरह मजबूत करने के लिए है। रिपोर्ट के मुताबिक, गिलगिट बाल्टिस्तान के लिए पाकिस्तान चीन सामरिक कार्यक्र म का फैसला संभवत: सेना प्रमुख जनरल परवेज अशरफ कयानी की जनवरी 2012 में चीन यात्रा के दौरान लिया गया । उर्दू अखबार रोजनामा बांग ए शहरमें एक खबर प्रकाशित हुई जिसका शीषर्क पाकिस्तान की बिगड़ती स्थिति, अमेरिका के साथ तनावग्रस्त संबंध : गिलगिट बाल्टिस्तान को चीन को 50 साल के लिए देने का विचारथा। खबर में बताया गया कि पाकिस्तान में बिगड़ती स्थिति, अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों के आलोक में गिलगिट बाल्टिस्तान चीन को 50 साल की लीज पर देने पर विचार शुरू हो गया है। एफबीआई के एक पूर्व अधिकारी की अगुवाई वाले अमेरिकी थिंक टैंक के मुताबिक, उर्दू अखबार की खबर में कहा गया कि चीन की एक थिंक टैंक ने भी हरी झंडी दे दी है। इस अखबार को पाकिस्तानी सीमा चौकी पर नाटो हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के तीन हफ्तों के भीतर 13 दिसम्बर 2011 को गिलगिट बालिटस्तान में वितरित किया गया। उर्दू अखबार ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के थिंक टैंक ने इस इलाके को चीन के नियंतण्रमें देने के विषय पर विचार विमर्श शुरू कर दिया है। खबर में कहा गया,‘योजना के पहले चरण में चीन इलाके में विकास परियोजनाओं की रणनीति तैयार करेगा और धीरे-धीरे क्षेत्र को अपने नियंतण्रमें ले लेगा।रिपोर्ट के मुताबिक, चीन 50 सालों के लिए गिलगिट बाल्टिस्तान को पूरी तरह अपने नियंतण्रमेंले लेगा और अपनी सेना को वहां तैनात करेगा। अमेरिकी थिंक टैंक ने कहा कि पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल परवेज अशरफ कयानी की 4 - 8 जनवरी की पांच दिवसीय चीन यात्रा के कारण रोजनामा बंग-ए-सहर की रिपोर्ट महत्वपूर्ण हो जाती है। बीजिंग में चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ के साथ बैठक में जनरल कयानी ने कहा कि चीन पाकिस्तान सामरिक साझेदारी दोनों देशों की नीतियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। अपनी टिप्पणी में चीनी प्रधानमंत्री ने कहा,‘चीनी सरकार और सेना दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करना और ज्यादा से ज्यादा सैन्य आदान प्रदान जारी रखेगी।उर्दू अखबार में प्रकाशित खबरों के हवाले से वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक ने कहा कि पाकिस्तानी और चीनी सेना गिलगिट बाल्टिस्तान के संयुक्त सैन्य प्रबंधन की दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। 
(राष्ट्रीय सहारा, 12/02/2012)

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