Wednesday, April 4, 2012

राज्य में महाराजा की पहली डबल लाइव साइज प्रतिमा

जम्मू। तवी पुल पर स्थापित महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा राज्य में लगाई गई उनकी पहली डबल लाइव साइज प्रतिमा है। प्रतिमा को जम्मू के प्रख्यात मूर्तिकार रवींद्र सिंह जम्वाल ने तराशा है। अनावरण के लिए पहुंचे महाराजा हरि सिंह के पुत्र व पूर्व सदर-ए-रियासत डॉ. कर्ण सिंह ने राज्य में ऐसी प्रतिमा स्थापित करने का सारा श्रेय गुलाम नबी आजाद को दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि यह जम्मू क्षेत्र के पहले मुख्यमंत्री बने गुलाम नबी आजाद के प्रयासों का ही नतीजा है कि महाराजा की प्रतिमा के अनावरण के साथ पार्क उन्हें समर्पित हुआ। कई सरकार आई पर किसी ने इस तरह से काम नहीं किया। महाराज ने राज्यवासियों के विकास के बारे में सोचा, जिससे वे हमेशा प्रेरणाश्चोत बने रहेंगे। (2/4/2012)

महाराजा ने डाली थी विकास की नींव : आजाद
जम्मू। महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर के विकास की नींव डालते हुए यहां पर बाल विवाह, छुआ-छूत खत्म करने के साथ प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बना दिया था। उन्हीं के दूरदर्शी सोच का नतीजा है कि आज राज्य विकास की पथ पर अग्रसर है। यह शब्द केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने रविवार को तवी किनारे महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहे। आजाद ने शाम चार बजे के करीब राज्य के पूर्व सदर-ए-रियासत व कांग्रेस के सांसद डॉ. कर्ण सिंह की मौजूदगी में प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर सरकार के कई मंत्री, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, गणमान्य लोग व राजपूत सभा के पदाधिकारी मौजूद थे। देश से जम्मू-कश्मीर का विलय करने व 1947 में कश्मीर को कबायली हमले से बचाने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा लगभग तीन माह पूर्व तवी पुल के निकट स्थापित की गई थी। अनावरण का कार्यक्रम दोपहर एक बजे होना था। आजाद समय पर दिल्ली से जम्मू पहुंच गए थे, लेकिन डॉ. कर्ण सिंह के देरी से पहुंचने के कारण अनावरण का कार्यक्रम शाम चार बजे के करीब हुआ। डॉ. कर्ण सिंह के समय पर न पहुंचने पर फैसला हुआ कि पार्क का उद्घाटन व जनसभा पहले कर दी जाए। इसी बीच पार्क का उद्घाटन करने के बाद जनसभा में आजाद ने महाराजा की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ईमानदारी व मानवीय पहलू से लोगों के विकास के बारे में सोचा। उन्हें महाराजा की तीन बातें बहुत पसंद हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। पहला महाराजा ने छुआ-छूत को खत्म कर मंदिरों को सबके लिए खोल दिया था। दूसरा बाल विवाह की प्रथा को समाप्त किया। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य बनाकर अपने विकासशील होने का सुबूत दिया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ताराचंद के साथ कांग्रेस के मंत्री आरएस चिब, शाम लाल शर्मा, रमन भल्ला, सांसद चौधरी लाल सिंह, राजनीतिक पार्टियों के नेता व सामाजिक, धार्मिक संगठनों के कई प्रतिनिधि भी मौजूद थे। (2/4/2012)

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