Tuesday, January 4, 2011

अलगाववादी नेताओं की हत्या के पीछे 'अपने'


श्रीनगर। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी भट्ट ने कहा कि उनके एक भाई और दो अलगाववादी नेताओं की हत्या 'उनके अपने ही लोगों' ने की, न कि सुरक्षा एजेंसियों ने। भट्ट ने स्पष्ट किया, 'हत्याओं में कोई पुलिसकर्मी शामिल नहीं था, वे अपने ही लोग थे, जिन्होंने उनकी हत्याएं कीं।' भट्ट ने कहा, 'मीरवाइज मुहम्मद फारूक, अब्दुल गनी लोन और उनके भाई मोहम्मद सुल्तान भट्ट की हत्याओं के बारे में सच्चाई बताने का समय आ गया है।
 
भट्ट की 1995 में, फारूक तथा लोन की 2002 में हत्या कर दी गई थी।' भट्ट ने कहा, 'उन्हें पहचानने की जरूरत क्या है, उनकी पहले ही पहचान हो चुकी है।'अलगाववादी नेताओं ने उनकी हत्याओं के लिए सुरक्षाबलों को जिम्मेदार ठहराया था। भट्ट ने कहा, 'उनके भाई मुहम्मद सुल्तान भट्ट भी उन लोगों की गोलियों के शिकार हुए, जो अलगाववाद का समर्थन कर रहे थे।

मैंने उस समय भी यह कहा था और अब भी मैं यही कह रहा हूं। मेरे मन में कोई भ्र्रम नहीं है।' राज्य सरकार का कहना है कि उस समय हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर मोहम्मद अब्दुल्ला बंगारू ने मीरवाइज मुहम्मद फारूक की हत्या की थी, जबकि लोन की हत्या अल उमर मुजाहिद्दीन के एक कमांडर ने की थी।

(Courtesy : www.rajasthanpatrika.com)

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