Monday, January 24, 2011

रणभूमि में बदला कश्मीर का प्रवेशद्वार लखनपुर

लखनपुर (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर के लाल चौक पर भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] की 26 जनवरी को तिरंगा फहराने की योजना से पहले पंजाब की सीमा से सटे राज्य का प्रवेश द्वार समझे जाने वाले लखनपुर में पुलिस बलों की टुकड़ियां तैनात कर दी गई है। बख्तरबंद वाहनों की आवाजाही हो रही है तथा यहां आने वाली हरेक बस की तलाशी ली जा रही है।

सरकार ने भाजपा की प्रस्तावित योजना को रोकने का संकल्प लिया है। पंजाब से सटे इस क्षेत्र में पुलिसबल तैनात कर दिए गए है। पुलिस लाठियों, आंसू गैस के गोलों से लैस है और वह रावी नदी के पुल पर पैनी नजर रखे हुए है। इस पुल के मध्य को पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर की विभाजक रेखा माना जाता है। करीब 100 मीटर के पुल पर तैनात पुलिस अधिकारियों में से एक ने बताया कि हमें हिदायत दी गई है कि भाजपा कार्यकर्ताओं को यहां से हरगिज राज्य में दाखिल होने की इजाजत न दी जाए। जम्मू एवं कश्मीर सीमा पर 2,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए है तथा बहुत से अन्य को तैयार रखा गया है।

पुलिस अधिकारियों को मोबाइल फोन या वायरलैस सेट्स के माध्यम से हिदायते दी जा रही है और उनके शीर्ष अधिकारी ताजा हालात का जानकारी ले रहे है। ऐसी आशंका व्यक्तकी जा रही है कि भाजपा कार्यकर्ता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के वेश में प्रदेश के अन्य हिस्सों से राज्य में दाखिल हो सकते है और गड़बड़ी फैला सकते है। पंजाब से आने वाली सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग 1-ए के नाम से जाना जाता है और यही इकलौता सड़क मार्ग जम्मू एवं कश्मीर को शेष भारत से जोड़ता है। लखनपुर के बहुत से प्रवेश द्वार है।

कठुआ की उपायुक्त जाहिदा खान ने कई बार शहर का दौरा किया और हिदायतें दीं, लेकिन उन्होंने संवाददाताओं के प्रश्नों का जवाब देने से इंकार कर दिया। यह क्षेत्र खान के ही अधिकारक्षेत्र में आता है। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं को जम्मू एवं कश्मीर में दाखिल होने से रोकने के लिए सभी जरूरी उपाय कर लिए गए है। उन्होंने बताया कि पुलिस को हिदायत दी गई है कि आवश्यकता पड़ने पर बल प्रयोग किया जाए। सामान की आपूर्ति करने वाले ट्रकों तक की तलाशी ली जा रही है। जम्मू एवं कश्मीर को सभी प्रकार की आपूर्ति इसी सड़क मार्ग से की जाती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में ऐसी सख्ती पहले कभी नहीं की गई। इतना ही नहीं 19 साल पहले के भाजपा मार्च के दौरान भी इतनी सख्ती नहीं की गई थी।
(Courtesy : jagran.com, 24.01.2011)

तिरंगा राजनीति से उड़ा अवाम का चैन
January 24, 2011
श्रीनगर। बीते साल हिंसक प्रदर्शनों की भट्ठी से बाहर निकली कश्मीरी अवाम का चैन अब भाजपा की तिरंगा राजनीति ने उड़ा दिया है। २६ जनवरी को लेकर लोग अभी से दहशत में हैं। इसके अलावा एकता रैली को लेकर भाजपा नेताओं के अड़ियल रवैये के बाद स्थानीय प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए हैं। हालात के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों को २४ घंटे की ड्यूटी पर लगाया गया है। श्रीनगर में रविवार की छुट्टी के बावजूद शहर की रौनक गायब दिखी, जिसने आम अवाम पर नए डर के पुख्ता संकेत दिए।
अवाम की दहशत की वजह भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा लाल चौक पर झंडा फहराना ही नहीं है, बल्कि जेकेएलएफ के चेयरमैन यासीन मलिक द्वारा २६ जनवरी को लाल चौक चलो की कॉल भी अधिक भयभीत कर रही है। वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि यह समीकरण सीधे टकराव के संकेत हैं। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी के कार्यकर्ता यहां पहुंच गए तो घाटी में कुछ भी हो सकता है। दूसरी और प्रशासनिक अमले को इस बात की फिक्र सता रही है कि राज्य सरकार द्वारा एकता रैली को लेकर लगाई गई पाबंदी के बावजूद अगर भाजपा कार्यकर्ता तिरंगा फहराने में कामयाब हो जाते हैं, तो कई को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। चूंकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सुरक्षा समीक्षा के लिए आयोजित एक आपात बैठक में कड़े निर्देश दे चुके हैं, कि गणतंत्र दिवस पर किसी भी कीमत पर हालात बिगड़ने नहीं चाहिए। ऐसे में बख्शी स्टेडियम जहां आतंकी गतिविधियों की काली छाया मंडरा रही है और लाल चौक जहां भाजपा और जेकेएलएफ एक चुनौती लेकर पहुंचने का दावा कर रहे हैं, तो इस लहजे से यहां कुछ भी परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं। श्रीनगर के उपायुक्त असगर अली कहना है कि ऐसे हालातों में सुरक्षा एजेंसियों का अंटेशन डायवर्ट होने खतरा बना हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि आपसी तालमेल में पूरी सुरक्षात्मक गतिविधियों पर नजर रखी जाए।

घमासान के लिए रणभूमि तैयार

Jan 22, 02:06 am
जम्मू, वरिष्ठ संवाददाता
गणतंत्र दिवस पर श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा फहराने को लेकर राज्य सरकार व भारतीय जनता युवा मोर्चा में टकराव बढ़ता जा रहा है और घमासान के लिए रणभूमि भी तैयार हो चुकी है। सरकार ने जहां एकता यात्रा को नाकाम बनाने के लिए लखनपुर से लेकर ऊधमपुर और रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात करने की कवायद शुरू कर दी है। वहीं भाजयुमो ने अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि हर कीमत पर लाल चौक में तिरंगा फहराकर रहेंगे।
भाजयुमो के राष्ट्रीय महामंत्री नितिन नवीन ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार चाहे कुछ भी करे, वे लाल चौक में तिरंगा फहराकर रहेंगे। नवीन ने कहा कि अब तीर कमान से निकल चुका है जिसे रोका नहीं जा सकता, बेहतर होगा मुख्यमंत्री अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर लाल चौक में तिरंगा फहराएं। उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा पूर्ण रूप से शांतिपूर्वक होगी, लेकिन सरकार ने कोई आपात स्थिति पैदा की तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
इस बीच कानून मंत्री अली मोहम्मद सागर ने भी पत्रकारवार्ता कर कहा कि राज्य के हालात खराब करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। संबंधित जिला मजिस्ट्रेट कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के हालात खराब करने के लिए भाजपा व पीडीपी में सांठगांठ हो गई है।
सनद रहे कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले ही पुलिस व प्रशासन को किसी भी सूरत में इस यात्रा को कठुआ से आगे न बढ़ने देने के निर्देश दे चुके हैं। सूत्रों की माने तो सरकार की योजना है कि भाजयुमो कार्यकर्ताओं को कठुआ और जम्मू रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिया जाएगा। सरकार ने 25 जनवरी को जम्मू के परेड ग्राउंड में भाजपा की प्रस्तावित रैली को विफल करने के लिए भी कार्यकर्ताओं को शहर तक पहुंचने से पहले ही तितर-बितर करने की योजना बनाई है।
भाजपा के दोनों हाथ में लड्डू
जम्मू : तिरंगा यात्रा भारतीय जनता पार्टी के लिए दो-दो लड्डू लेकर आई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस यात्रा को रोकने के फैसले ने भाजपा को ऐसा राजनीतिक मुद्दा दिया है जिसके दोनों तरफ भाजपा की जीत तय है। भाजयुमो अगर लाल चौक में तिरंगा फहराने में कामयाब रहती है तो भाजपा इसे राष्ट्रीय स्तर पर भुनाएगी। अगर भाजयुमो तिरंगा फहराने में विफल रहती है, तब भी भाजपा को एक ऐसा मुद्दा मिलेगा जो आने वाले समय में वोटों में तबदील किया जाएगा। शायद यही कारण है कि अभी तक कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है। राष्ट्रीय स्तर के अलावा प्रदेश कांग्रेस की ओर से भी भाजयुमो के इस कार्यक्रम पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं आई है।

यात्री वाहन जम्मू जाने पर रोक
January 24, 2011
राजोरी/नौशेरा। भारतीय जनता युवा मोर्चा की एकता यात्रा को विफल करने के लिए सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सीमावर्ती जिला राजोरी में शनिवार देर रात से यात्री वाहनों के जिले से बाहर जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यात्री वाहन न चलने पर रविवार को दिन भर सैकड़ों लोग बस अड्डे पर दर-बदर होते रहे लेकिन जिले से एक भी वाहन जम्मू रवाना नहीं हो सका। हालांकि सरकार के इस फैसले से लोगों में भारी रोष व्याप्त हो गया, लेकिन प्रशासन अपने फैसले पर अडिग रहा।

उल्लेखनीय है कि भाजयुमो को लाल चौक पर तिरंगा फहराने से रोकने के लिए इन दिनों राज्य सरकार ने भाजयुमो कार्यकर्ताओं की धरपकड़ शुरू कर दी है । इसी कवायद में रविवार की सुबह राजोरी से यात्री वाहनों के जम्मू जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। हालांकि जिला प्रशासन ने शनिवार देर रात ही शहर की बस यूनियन और ट्रेवल एजेंटों को रविवार की सुबह किसी भी यात्री वाहन को जम्मू भेजने से मना कर दिया गया था। रविवार की सुबह वाहनों की रवानगी पर रोक के चलते बस अड्डे और टैक्सी स्टैंड पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई देर शाम तक जारी रही लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते एक भी वाहन जम्मू नहीं जा सका। हाईवे पर राजोरी से लेकर जिले के प्रवेश द्वार सुंदरबनी तक दर्जनों नाके लगाए गए थे जिनमें पुलिस के अलावा सीआरपीएफ के जवान भी तैनात थे। हाईवे के अलावा जिले से बाहर जाने वाले हरेक लिंक मार्ग पर भी कड़ी सतर्कता बरती जा रही थी। हरेक वाहन की पुलिस कर्मी रोक कर जांच कर कर रहे थे। उधर, नौशेरा से भी जम्मू के लिए बसें नहीं रवाना हुईं। इस कारण दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों का परेशानियां उठानी पड़ीं।
(Courtesy : jagran.com, 24.01.2011)

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