Tuesday, July 26, 2011

छद्म युद्ध जारी रहा तो संभव है एक और कारगिल

श्रीनगर। कारगिल घुसपैठ को खुफिया विफलता के रूप में स्वीकार करते हुए पूर्व सेना प्रमुख जनरल (से.नि.) वी.पी. मलिक ने मंगलवार को कहा कि जब तक पाकिस्तान, भारत के खिलाफ छद्म युद्ध जारी रखता है तब तक 1999 तरह के हमलों की पुनरावृति को नहीं रोका जा सकता है।
कारगिल युद्ध के दौरान सेना प्रमुख रहे मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि अब तक पाकिस्तानी सेना ने छद्म युद्ध के एजेंडे को नहीं छोड़ा है। जब तक छद्म युद्ध जारी रहता है, आप नहीं कह सकते कि कारगिल जैसा युद्ध नहीं होगा।
आपरेशन विजय की 12वीं वर्षगांठ कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए मलिक ने कहा कि सेना और अन्य सुरक्षा बलों को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि एक और कारगिल नहीं हो।
उन्होंने कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगर पाकिस्तान की ओर से ऐसा कोई प्रयास होता भी है तो हम इसके लिए तैयार हैं। जनरल मलिक ने कहा कि सैन्य और असैनिक खुफिया विफलता, निगरानी की कमी के कारण पाकिस्तान कारगिल अभियान को अंजाम दे पाया।
मलिक ने कहा कि हां, हम आश्चर्यचकित रह गए। इसके लिए मैं सैन्य खुफिया और असैन्य खुफिया तथा निगरानी की कमी को जिम्मेदार मानता हूं।
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि कारगिल घुसपैठ से सेना हतप्रभ थी क्योंकि उसे पहले लग रहा था कि यह आतंकियों की घुसपैठ है, लेकिन समय गुजरने के साथ हमें महसूस हुआ कि यह नियंत्रण रेखा के पार से गोलीबारी की आड़ में पाकिस्तानी सेना की करतूत थी। जनरल मलिक ने कहा कि आज सेना रडार, मानवरहित विमान, उपग्रह समेत बेहतर साजो सामान से लैस है जो कारगिल युद्ध के बाद पेश हुए हैं। उन्होंने कहा कि निगरानी तंत्र को बेहतर बनाने के अलावा खुफिया सेवा भी बेहतर हुई है। (दैनिक जागरण, 26.07.2011)

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