Monday, July 25, 2011

वार्ताकारों ने की सांबा की अनदेखी

13 July 2011
सांबा। जम्मू-कश्मीर समस्या के उचित समाधान के लिए केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकारों द्वारा सांबा जिले के लोगों की राय न लेना लोगों को काफी अखर रहा है। विभिन्न राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक संगठनों ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपने गुस्से का इजहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का रवैया तो भेदभाव पूर्ण था ही, अब केन्द्र सरकार द्वारा भेजी गई टीम ने भी यही नीति अपनाई।

बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं आईडीपी के जिला अध्यक्ष एडवोकेट सुभाष सिंह ने कहा कि यहां पर पिक एंड चूज की नीति चल रही है। इसमें पूरा प्रशासन मिला हुआ है। वहीं, व्यापार मंडल प्रधान तेजेन्द्र सिंह का कहना है कि सभी मामलों में सांबा नजरअंदाज होता रहा है। पीपुल टू पीपुल फोरम के पैट्रन आर के बडेयाल ने कहा कि कश्मीर में जो लोग देश हित की बात नहीं करते, उनके घरों में जाकर उनकी बात सुनी गई, जबकि यहां के देशभक्त लोगों को नजरअंदाज कर दिया गया। सरपंच हरदेयाल सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र से सटे सांबा के लोगों को क्या मुश्किलें उठानी पड़ती हैं, यह जानने की भी वार्ताकारों ने जहमत नहीं उठाई। राजपूत सभा के प्रधान कप्तान इंद्र सिंह, नगर परिषद के पूर्व प्रधान रणधीर सिंह, ब्राह्मण सभा के प्रधान जगदीश राज, महाजन सभा के प्रधान कृष्ण चंद, करियाणा यूनियन के प्रधान देवी दास गुप्ता, सरपंच कमेर सिंह, सरपंच विरेन्द्र सिंह लक्की, सिविल पेंशनर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रधान पूर्ण सिंह, इकबाल सिंह, पिपुल टू पिपुल फोरम के प्रधान सेवानिवृत ले. कर्नल कर्ण सिंह ने भी इसे सांबा की अनदेखी करार दिया।
(दैनिक जागरण)

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