Saturday, November 12, 2011

अफस्पा पर एकीकृत कमान लेगा फैसला


नयी दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) हटाने के संदर्भ में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि इस पर अंतिम फैसला राज्य का एकीकृत कमान मुख्यालय लेगा।
श्री एंटनी ने शुक्रवार (11 November 2011) को संवाददाताओं से कहा कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने जम्मू-कश्मीर से अफस्पा को आंशिक रूप से हटाने के फैसले को एकीकृत कमान के लिए छोड़ने का निर्णय गत वर्ष ही ले लिया था।
रक्षा मंत्री एटंनी अफस्पा को हटाने का अधिकार उनके पास होने के जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान से संबंधित सवाल का जवाब दे रहे थे। उमर ने कहा था, “मुख्यमंत्री होने के नाते अफस्पा हटाने का अधिकार मुझे है।
मुख्यमंत्री उमर राज्य के उन क्षेत्रों से अफस्पा को आंशिक रूप से हटाने की मांग कर रहे हैं जहां आतंकवाद नियंत्रण में है और सेना मौजूद नहीं है। हालांकि सेना का कहना है कि राज्य के हालात इतने भी नहीं सुधरे हैं कि क्षेत्र से अफस्पा हटाया जाये।
उत्तरी कमान के सैन्य प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनायक ने विगत दिनों कहा था, “अफस्पा हटाने से न सिर्फ आतंक निरोधी अभियान प्रभावित होगा बल्कि राज्य की ठीक हो रही विधि व्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर होगा। अभी हालात अफस्पा हटाने लायक नहीं हैं। इसके बिना सेना के अभियान प्रभावित होंगे। यहां सेना देश और जनता की सुरक्षा के लिए है। कुछ इलाकों से अफस्पा को बहाल हो रही विधि व्यवस्था के नाम पर हटाया जाता है तो उससे अन्य इलाकों में सेना व अन्य एजेंसियों का कामकाज प्रभावित होगा।

लेफ्टिनेंट जनरल परनायक ने कहा था कि इस वर्ष गर्मियों में पूरी तरह शांति रही है, लेकिन यह अफस्पा हटाने का पैमाना नहीं हो सकता। अफस्पा हटाने का फायदा आतंकियों और उनके आकाओं व समर्थकों को होगा, आम आदमी को नहीं। जहां कहीं भी ज्यादती की शिकायत मिली, सेना ने संबंधित अधिकारियों और जवानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें दंडित किया है।

No comments:

Post a Comment