Thursday, December 16, 2010

भारत व चीन को रखने चाहिए प्रभावी संबंध


वाशिंगटन। इस बात को स्वीकार करते हुए कि भारत और चीन आने वाले दशकों में विश्व घटनाक्रम को प्रभावित करेंगे, अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि एशिया के दोनों बड़े देशों को प्रभावी संबंध रखने चाहिए। भारत और चीन के प्रधानमंत्रियों के बीच नई दिल्ली में होने वाली बातचीत से चंद घंटे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउले ने कहा कि अमेरिका मुलाकात का परिणाम सुनने का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह उभरती शक्तियों का विश्व है जिन पर व्यापक जिम्मेदारियां हैं। चीन एक ऐसा ही देश है। भारत भी ऐसा ही देश है। वे आपस में पड़ोसी भी हैं।

क्राउले ने अपनी नियमित प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि हम निश्चित तौर पर मानते हैं कि आगामी दशकों में विश्व घटनाक्रम को प्रभावित करने जा रहे इन दोनों देशों को प्रभावी संबंध रखने चाहिए। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि अमेरिका को अगले महीने चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओं से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेन जियाबाओ के बीच मुलाकात के परिणाम के बारे में सुनने का अवसर मिलेगा। वेन दोनों देशों के बीच दोस्ती को बढ़ावा देने और संबंधों को विस्तारित करने के उद्देश्य से तीन दिन की भारत यात्रा पर हैं। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव राबर्ट गिब्स ने कहा कि एक-दो दिन में चीनी राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा की सही तारीख के बारे में घोषणा कर दी जाएगी।

(Courtesy : jagran.com, 16 Dec. 2010)

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