Saturday, December 25, 2010

'जम्मू-कश्मीर में दो निशान दो विधान नहीं चलेंगे'


जम्मू. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में उनकी पार्टी एक निशान और एक संविधान के लिए संघर्ष करती रहेगी। जम्मू में आयोजित एकता संकल्प महारैली को संबोधित करते हुए आडवाणी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर देश का अखंड हिस्सा है और भाजपा को यहां दो निशान और दो संविधान कतई मंजूर नहीं है।
पूर्व उपप्रधानमंत्री ने कहा राष्ट्रवादी नेता डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी का स्मरण करते हुए आडवाणी ने कहा कि यह सिर्फ डॉ मुखर्जी के बलिदान से ही संभव हुआ कि जम्मू-कश्मीर में प्रांतीय ध्वज के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। आडवाणी ने कहा कि भाजपा ने हाल ही में राष्ट्रीय बैठक में देश के सामने 28 चुनौतियों पर विचार किया, जिनमें भ्रष्टाचार और महंगाई के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की स्थिति भी शामिल थी।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने हमेशा राष्ट्र विरोधियों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर की स्थिति सारे राष्ट्र की शांति को प्रभावित करती है। इसलिए राज्य की इस स्थिति को भाजपा स्वीकार नहीं करेगी।
(Courtesy : bhasker.com)

जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधक अनुच्छेद 370'
 
जम्मूभारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने की मांग करते हुए कहा कि इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा आ रही है। अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है।
परेड मैदान में एकता संकल्प रैली के दौरान भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने लोगों को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘संविधान का अनुच्छेद 370 राज्य के विकास में अड़चनें पैदा करने वाला है। जम्मू-कश्मीर उद्योग और पर्यटन के क्षेत्र में इस अनुच्छेद के बने रहने के साथ विकास नहीं कर सकता। यह अनुच्छेद राज्य की जनता के हितों के खिलाफ काम करता है।’’
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में गरीबी और बेरोजगारी के लिए उसकी नीतियां जिम्मेदार हैं। नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘कांग्रेस की नीतियों के कारण जम्मू-कश्मीर की जनता गरीबी, बेरोजगारी और सर्वव्यापी भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का सामना कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लद्दाख और जम्मू की जनता भेदभाव का सामना कर रही है, जबकि जो लोग यहां से जा चुके हैं वह अभी भी न्याय के इंतजार में है।’’ गडकरी ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में विस्थापित कश्मीरी पंडितों और लद्दाख निवासियों का मामला उठायेगी और उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि जब वह दिल्ली लौटेंगे तो एक समिति बनाएंगे, जिसके जरिए वह राज्य की समस्याओं को उठा सके।
उन्होंने कहा कि पार्टी किसी भी कीमत पर आजादी जैसी किसी भी चीज को स्वीकार नहीं करेगी। रैली को संबोधित करते हुये भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अलगाववादी आंदोलन के बारे में चेतावनी देते हुये कहा था कि अगर केंद्र ने अपनी कश्मीर नीति को नहीं बदला तो इसे और भी बल मिलेगा।

(Courtesy : http://khabar.ndtv.com)

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