जम्मू। सेना की 25वीं इन्फेंटरी डिवीजन के जरनल ऑफिसर इन कमांड मेजर जरनल ओम प्रकाश ने कहा कि राज्य में दम तोड़ रहे आतंकवाद को जीवित रखने के लिए पड़ोसी देश कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। गुलाम कश्मीर में आतंकियों को बदस्तूर हथियार तथा गोरिला लड़ाई की ट्रेनिंग दी जा रही है। मौजूदा समय में पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर में 42 आतंकी ट्रेनिंग कैंप चल रहे हैं, जिनमें 250 से 400 आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह आतंकी भारत में घुसने की फिराक में हैं, लेकिन सेना इन्हें रोकने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
मंगलवार को सैनिक स्कूल नगरोटा के एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में जीओसी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में सेना ने आतंकियों की कमर तोड़ कर रख दी है। कई शीर्ष आतंकी संगठनों के कमांडरों को सेना ने मार गिराया है। इसमें 24 अप्रैल को रामबन में मारा गया लश्कर का डिवीजन कमांडर मूसा तथा उसका एक साथी भी शामिल है। जीओसी ने कहा कि साउथ पीर पंजाल रेंज में करीब 200 आतंकी अभी भी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि अब पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फ पिघलने के साथ ही घुसपैठ में तेजी आई थी, जिसे रोकने के लिए सेना ने रणनीति बना ली है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ है कि गुलाम कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग कैंप चल रहे हैं।
वर्ष 2004 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम को तोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय सेना सीजफायर का पूरा सम्मान करती है। घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी सेना संघर्ष विराम का उल्लघंन करती है।
सीमापार ट्रेनिंग लेने गए युवकों की घर वापसी के लिए बनाई गई पुर्नवास नीति पर उन्होंने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार जो भी फैसला लेगी सेना उसका सम्मान करेगी। उन्होंने कहा कि उनके डिवीजन के अधीन आने वाले क्षेत्रों में राज्य प्रशासन को करीब 600 युवकों के परिजनों ने घर वापस आने की इच्छा जताई है।
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