Tuesday, April 12, 2011

अलगाववादियों से बातचीत में परहेज नहीं

जागरण ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के जमीनी हालात का जायजा लेने आए भाजपा संसदीय दल के दरवाजे अलगाववादियों के लिए भी खुले हैं, पर उनसे बातचीत सिर्फ इंसाफ, इंसानियत और संविधान के दायरे में ही की जाएगी। अलबत्ता, उन्हें मुलाकात के लिए न्योता नहीं दिया जाएगा। कश्मीर समस्या के अध्ययन के लिए यहां पहुंचे भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सोमवार को यहां कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में दुष्प्रचार से कई समस्याएं पैदा हुई हैं। लिहाजा खुद हालात का अध्ययन कर पार्टी राज्य के संबंध में विजन डाक्यूमेंट तैयार करेगी।

चार दिवसीय राज्य दौरे के पहले दिन शहर के शास्त्री नगर में अध्ययन दल के कार्यालय के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिंह ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है। पार्टी संसद में जम्मू-कश्मीर के बारे में निष्पक्ष नजरिया रखने के लिए सबसे बात करेगी। अलबत्ता, उन्होंने स्पष्ट किया कि अलगाववादियों के दरवाजे नहीं खटखटाए जाएंगे, वे चाहे तो मिलने के लिए आ सकते हैं। लोकपाल बिल पर उन्होंने कहा कि पार्टी की नीति भ्रष्टाचार के मुद्दे पर स्पष्ट है। सरकार मानसून सत्र में बिल लाती है जो भाजपा इसे समर्थन देगी।

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने माना कि भाजपा राज्य के बारे में डाक्यूमेंट की कमी महसूस करती है। संसदीय दल को राज्य के बारे में पूरी जानकारी जुटाने के लिए जितने दौरे करने पड़े, किए जाएंगे। अगला दौरा लद्दाख का होगा। सिंह ने कहा कि रिपोर्ट तैयार कर इसे दिल्ली में पार्टी को सौंपा जाएगा। श्रीनगर में मौलाना शौकत की हत्या को लेकर लग रहे आरोपों पर कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए राजनाथ ने कहा कि पार्टी इस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करती है।

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