Friday, February 11, 2011

मानसिक तनाव के शिकार हैं 72 प्रतिशत पत्थरबाज

श्रीनगर। सुरक्षाबलों पर पथराव कर हिंसा भड़काने वाले 72 प्रतिशत पत्थरबाज मानसिक तनाव का शिकार होते हैं। अपने इस तनाव को कम करने के लिए ही वह पथराव व तोड़फोड़ पर उतर आते हैं।

यह कहना है एसएसपी श्रीनगर आशिक बुखारी का। बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में एसएसपी ने बताया कि वर्ष 2010 में जून महीने से वादी में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए पुलिस ने 1000 से अधिक पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान इनमें से लगभग 72 प्रतिशत ऐसे युवक थे, जो या तो बेरोजगारी, नशाखोरी या फिर घरेलू समस्याओं के कारण मानसिक तनाव का शिकार थे। इस तनाव को कम करने के लिए वह पथराव व तोड़फोड़ करते थे।

पुलिस वाहनों की तोड़फोड़ या आगजनी में संलिप्त अधिकांश युवकों से पूछताछ के बाद यह बात सामने आई कि वह नशाखोरी का शिकार थे। नशे की हालत में वह अपने आप पर संयम न रख पुलिस व सैन्य वाहनों पर चढ़कर उनकी तोड़फोड़ करते थे। इन युवकों के पुनर्वास के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इन्हें नशाखोरी व अन्य बुरी आदतों से मुक्त कराने के लिए हमने कई ड्रग एडिक्शन सेंटर खोल रखे हैं, जहां इन युवकों की काउंसलिंग की जाती है। साथ ही इन युवकों के पुनर्वास के लिए और भी कई कदम उठाएं गए हैं। बुखारी ने फिर दोहराया कि स्थिति बिगाड़ने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी।

(Courtesy : www.jagran.com)

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