नई दिल्ली (27.02.2011)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव मधुकर भागवत ने जम्मू-कश्मीर समस्या के समाधान के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरण की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मसले पर पूरा देश एकजुट है। केवल कश्मीर से विस्थापित लोग ही नहीं बल्कि भारत का प्रत्येक नागरिक जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान चाहता है।
डॉ. भागवत रविवार को दिल्ली स्थित दीनदयाल शोध संस्थान में जम्मू-कश्मीर पीपल्स फोरम द्वारा आयोजित “जम्मू-कश्मीर : वर्तमान परिदृश्य” विषयक परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कश्मीर मसले पर सरकार की कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति पर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा, “कश्मीर की समस्या देश की ज्वलंत समस्या है, इस बात से हम सभी भलिभांति परिचित हैं। ऐसे में यह तो तय है कि हमारी सरकार जानती है कि कैसे इस परिस्थिति से निजात पाया जा सकता है। लेकिन उनके रवैये से ऐसा प्रतीत होता है कि वे इस बारे में जानकर भी अन्जान बनने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें खुद ही प्रयास करने की जरुरत है।"
उन्होंने कहा कि सरकार उल्टा काम कर रही है। प्रदेश में जिन राष्ट्रभक्त नागरिकों को सुरक्षा मिलनी चाहिए उससे इतर तथाकथित मुट्ठीभर अलगाववादियों को संरक्षण मिल रहा है।
संघ प्रमुख ने कहा कि कश्मीर समस्या का हल भारत को ध्यान में रखकर सोचना होगा। इस दौरान उन्होंने इस मसले में किसी विदेशी ताकत के हस्तक्षेप को पूरी तरह से खारिज कर दिया। डॉ. भागवत ने कहा, “जब अमेरिका एवं चीन अपने आंतरिक मामलों में किसी बाहरी को शामिल नहीं करना चाहते तो हम उन्हें इस मुद्दे पर बोलने की आजादी क्यों दें। उन दोनों देशों को हमारी ज्यादा आवश्यकता है।”
उन्होंने कश्मीर समस्या से संबंधित ऐतिहासिक तथ्यों से युक्त छोटी पुस्तिकाओं के माध्यम से सम्पर्क करने का सुझाव दिया। भागवत ने कहा कि इस पुस्तिका को लेकर हमें देशवासियों को यह बताना होगा कि कश्मीर की वास्तविकता क्या है और इससे कैसे निपटा जा सकता है।
सरसंघचालक ने कहा कि हमारे समक्ष श्रीराम-मंदिर निर्माण, कश्मीर समस्या और संघ पर बेबुनियाद दोषारोपण जैसे प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की जरुरत है। तीनों ही मुद्दों पर पूर्ण समर्थन करने वाले बहुत लोग हैं। इसके लिए हमें जनप्रतिनिधियों का चुनाव दलगत राजनीति से ऊपर उठकर करना होगा।
कार्यक्रम में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विनोद गुप्ता ने अध्यक्षीय भाषण में कश्मीर समस्या के लिए नये सिरे से समाधान खोजने की जरुरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार इसके समाधान के लिए अभी भी पंडित नेहरु की बनाई गयी नीति पर चल रही है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री नरेन्द्र सहगल द्वारा लिखित पुस्तक ‘व्यथित कश्मीर’ के अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी किया गया। वरिष्ठ पत्रकार श्री जवाहर लाल कौल ने कार्यक्रम में आये लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
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