जम्मू। जम्मू-कश्मीर समस्या का राजनीतिक हल तलाश रहे केंद्र के वार्ताकार अलगाववादियों से मुलाकात की आस लेकर राज्य के अपने पांचवें दौरे पर पहुंचे। पांच दिवसीय दौरे के पहले दिन वार्ताकारों ने राज्यपाल एनएन वोहरा व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भेंट कर उन्हें पांच माह से राजनीतिक हल तलाशने की प्रक्रिया के परिणामों के बारे में बताया। वार्ताकारों ने राज्य के नवनियुक्त चीफ सेक्रेटरी माधव लाल के साथ भी बैठक की।
अलगाववादी नेताओं को छोड़कर वार्ताकार सरकार, राज्य प्रशासन, राजनीतिक पार्टियों, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों से कई बार भेंट कर चुके हैं। इस दौरे से पहले वार्ताकारों ने अलगाववादियों से भेंट करने के लिए उन्हें लिखित निमंत्रण दिया है। इसी बीच जम्मू पहुंचे वार्ताकार दिलीप पडगांवकर, राधा कुमार व एमएम अंसारी ने राजभवन में डेढ़ घंटे तक राज्यपाल से बैठक कर समस्या के समाधान के लिए तैयार किए अपने खाके के बारे में बताया। वार्ताकार अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपने से पहले अलगाववादियों का पक्ष जानने के लिए बहुत आतुर हैं।
राज्यपाल से मिलने से पहले वार्ताकारों ने दोपहर को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भेंट कर उन्हें राज्य में जारी बातचीत की प्रक्रिया व विभिन्न विचारधारा के लोगों की आकांक्षाओं के बारे में बताया। इस दौरान अलगाववादियों के वार्ताकारों से दूरी बनाने के मसले पर भी चर्चा हुई।
शाम को वार्ताकारों ने गेस्ट हाउस में शिक्षाविद् प्रो. हरिओम के साथ उच्च शिक्षा विभाग के सचिव तनवीर जहान से भी भेंट की। इस दौरान प्रो. हरिओम ने स्पष्ट किया कि अगर बातचीत की आड़ में जम्मू कश्मीर में अलगाववाद व सांप्रदायिकता को शह देने की कोशिश की जा रही है तो यह बिलकुल गलत है।
वार्ताकार मंगलवार को राज्य के नवनियुक्त चीफ इन्फारमेशन कमिश्नर जीएम सूफी के साथ राज्य मानवाधिकार आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियों से भेंट करेंगे। केंद्र का दल गुलाम कश्मीर के रिफ्यूजियों से मिलने के लिए मंगलवार दोपहर को भौर कैंप भी जाएगा।
(Courtesy : www.jagran.com, 22.02.2011)
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