जम्मू। पाकिस्तान की नापाक हरकतें भारत को हमेशा परेशानी में डालकर रखने वाली होती हैं। यह तो सभी जानते हैं, लेकिन वह मौसम के बदलते तेवरों के साथ अपनी रणनीति में भी बदलाव करता रहता है। जम्मू संभाग में पिछले वर्ष दिसंबर में चार बार संघर्ष विराम का उल्लंघन करने वाला पाकिस्तान जनवरी में घनी धुंध की आड़ में घुसपैठ करवाने की पूरी कोशिश करेगा। घनी धुंध की आड़ में सीमा के एक हिस्से में बीएसएफ के जवानों को गोलीबारी में उलझाकर दूसरे हिस्से से आतंकियों को घुसाने के आसार हैं।
इस रणनीति से भली-भांति वाकिफ बीएसएफ के जवान पहले से ही अर्ल्ट हो गए हैं। खुफिया एजेंसियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार आतंकियों की संख्या बढ़ रही है। पाकिस्तान की ओर से कवर फायर के बीच आतंकियों के छोटे-छोटे दलों को सीमा पार करवाने की रणनीति अमल में लाई जाएगी। तीस दिसंबर को सांबा सेक्टर की न्यू एसपी खोआड़ा पोस्ट पर गोलीबारी पाकिस्तानी रेंजरों की इसी रणनीति का हिस्सा है। पाकिस्तानी रेंजरों ने फ्लैग मीटिंग में इसके स्पष्ट संकेत दिए हैं कि उनके मंसूबे ठीक नहीं हैं।
बीएसएफ की ओर से फ्लैग मीटिंग में 182वीं बटालियन के कमांडेंट एससी यादव जबकि पाकिस्तान रेंजर्स के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल राजा शाहिद ने हिस्सा लिया। खोआड़ा पोस्ट पर शनिवार को हुई बैठक में पाकिस्तानी रेंजरों ने हमेशा की तरह न सिर्फ गोलीबारी करने से इंकार किया बल्कि वे इससे भी मुकर गए कि उनके इलाके में आतंकी घुसपैठ करने के लिए मौका तलाश रहे हैं। जनवरी में इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार बीएसएफ, सेना व जम्मू-कश्मीर पुलिस ने समन्वय बिठा लिया है। बीएसएफ व सेना ने मुस्तैदी बढ़ा दी है जबकि पुलिस ने सीमा के साथ लगते गांवों में अपनी विलेज डिफेंस कमेटियों को सक्रिय कर दिया है।
बीएसएफ के डीआईजी जेएस ओबराय का कहना है कि सीमा पर घुसपैठ को नाकाम बनाने के पक्के प्रबंध हैं। पाकिस्तान धुंध की आड़ में इस वर्ष भी घुसपैठ करवाने में सफल नहीं होगा। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर इस बार सीमा पर पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक तैनाती व आधुनिक यंत्र स्थापित किए गए हैं। गौरतलब है कि तीस दिसंबर को सांबा सेक्टर में गोलीबारी से पहले पाकिस्तान की ओर से 22, 14 व 5 दिसंबर को पुंछ की कृष्णा घाटी, तारकुंडी व केजी से. में गोलीबारी की गई थी।
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