जम्मू।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने फैसला किया है कि अब से अमरनाथ
यात्रा के लिए पंजीकरण कराने के समय श्रद्धालुओं को चिकित्सा प्रमाण-पत्र
दिखाना होगा। बोर्ड ने यह फैसला यात्रा पर जाने वाले कई श्रद्धालुओं की
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण हर साल मौत के बढ़ते मामलों को देखते हुए
किया है।
बोर्ड के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि कल शाम हुई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने की। बैठक में हृदयाघात से मरने वाले श्रद्धालुओं के संबंध में चर्चा की गयी।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बोर्ड ने हृदय संबंधी समस्याओं के कारण मारे जाने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या पर चर्चा की। 2009, 2010 और 2011 में क्रमशः 45,68 और 107 लोगों की मौत हुई। इस स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने तय किया कि यात्रा के लिए पंजीकरण कराने के समय श्रद्धालुओं को किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।”
प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने भी श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा से पूर्व चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने संबंधी सलाह दी थी। इस साल अमरनाथ यात्रा 37 दिनों की होगी। यह यात्रा 25 जून से शुरू होकर दो अगस्त को समाप्त होगी। दो अगस्त को रक्षाबंधन भी है। यात्रा का यह कार्यक्रम एसएएसबी की एक उप-समिति ने तय किया है। इस समिति के अध्यक्ष आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर हैं।
बोर्ड के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि कल शाम हुई श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने की। बैठक में हृदयाघात से मरने वाले श्रद्धालुओं के संबंध में चर्चा की गयी।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बोर्ड ने हृदय संबंधी समस्याओं के कारण मारे जाने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या पर चर्चा की। 2009, 2010 और 2011 में क्रमशः 45,68 और 107 लोगों की मौत हुई। इस स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने तय किया कि यात्रा के लिए पंजीकरण कराने के समय श्रद्धालुओं को किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।”
प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने भी श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा से पूर्व चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने संबंधी सलाह दी थी। इस साल अमरनाथ यात्रा 37 दिनों की होगी। यह यात्रा 25 जून से शुरू होकर दो अगस्त को समाप्त होगी। दो अगस्त को रक्षाबंधन भी है। यात्रा का यह कार्यक्रम एसएएसबी की एक उप-समिति ने तय किया है। इस समिति के अध्यक्ष आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर हैं।
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