श्रीनगर। कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा के पास
बाड़बंदी बर्फीले तूफान से व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हुई है। सेना ने आज कहा कि
इसके परिणामस्वरूप घुसपैठ रोकने के तंत्र के लिए नई चुनौती खड़ी हो गयी है। सेना
ताजा बर्फीले तूफान की आशंका के चलते नियंत्रण रेखा के समीप कुछ चौकियों को खाली
करने की संभावना पर विचार कर रही है।
उत्तरी कमान के लेफ्टीनेंट जनरल के.टी. परनायक ने यहां
संवाददाताओं को बताया कि कई क्षेत्रों में बाड़बंदी को व्यापक नुकसान हुआ है
विशेषकर शम्सबारी (पर्वतीय) रेंज में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ रोकने के उपायों
के तहत 2004 में बाड़ लगायी गयी थी। यह घुसपैठ रोकने के सेना के प्रयासों में काफी
महत्वपूर्ण साबित हुई है।
लेफ्टीनेंट जनरल परनायक ने बताया कि क्षेत्र में इस
कदर बर्फ है कि उसमें बाड़ तक ढंक गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक सालाना ढर्रा है लेकिन इस बार बर्फ काफी अधिक है। बाड़
क्षतिग्रस्त हो गयी है। वास्तव में इस कदर बर्फ है कि बाड़ उसके नीचे दब गयी है।”
बांदीपोरा जिले में 22 फरवरी को नियंत्रण रेखा के समीप
गुरेज सेक्टर में द्वार क्षेत्र में स्थित 109 इंफेंट्री ब्रिगेड के मुख्यालय भारी
बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया। इसके परिणामस्वरूप 14 सैनिकों की मौत हो गयी
जबकि दो अभी तक लापता हैं। इसी दिन गंदेरबल जिले के सोनमर्ग क्षेत्र में सेना के
एक शिविर के बर्फीले तूफान की चपेट में आने से तीन और सैनिकों की जान चली गयी।
लेफ्टीनेंट जनरल परनायक के कहा कि बर्फ के पिघलने और
गर्मी शुरू होने के बाद सेना को बाड़ को निकालने और उसकी मरम्मत के लिए एक बड़े काम
को अंजाम देना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इसे समय पर किया जायेगा।”
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