श्रीनगर। सेना की 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि अफगानिस्तान से नाटो सेना के हटने की पूरी संभावना है, ऐसे में वहां सक्रिय आतंकी कश्मीर का रुख कर सकते हैं। उन्होंने आशंका जताई कि अगले तीन माह के दौरान सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशों में तेजी आएगी। हसनैन बुधवार को बारामूला जिले में एलओसी के साथ सटे उड़ी सेक्टर में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर अफगानीस्तान और पाकिस्तान के हालात का सीधा असर होता है। जब रूसी सेना अफगानिस्तान से हटी थी तो वहां सक्रिय कई आतंकी जम्मू-कश्मीर पहुंचे और यहां आतंकी हिंसा में तेजी आई। अब वहां से नाटो सेना के हटने की पूरी संभावना है, इसलिए आतंकी फिर कश्मीर का रुख कर सकते हैं। कोर कमांडर ने कहा कि अगला साल जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत अहम है, क्योंकि वर्ष 2011 में जो अमन रहा है, उससे आतंकी और उनके आका पूरी तरह हताश हैं। इसलिए वह चाहेंगे कि वर्ष 2012 में हिंसा हो और मरनासन्न आतंकवाद को फिर से जिंदा किया जाए। उन्होंने कहा कि इस समय सीमा पार स्थित लांचिंग पैड पर आतंकियों की एक बड़ी तादाद घुसपैठ के लिए तैयार बैठी है। आतंकी इस बार उड़ी सेक्टर से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें आतंकियों के मंसूबों का पूरा आभास है और उनसे निपटने के लिए हमने पूरी तैयारी कर रखी है। बीते ढाई माह के दौरान हमने घुसपैठ का कोई प्रयास कामयाब नहीं होने दिया है, लेकिन इससे पता चलता है कि आतंकी इस बार जनवरी से मार्च माह तक पहाड़ों पर बर्फ के दौरान घुसपैठ की कोशिश करेंगे। (दैनिक जागरण, जम्मू संस्करण)
नाटो सैन्य वापसी से कश्मीर को खतरा
श्रीनगर। अफगानिस्तान से नाटो सेना के हटने की पूरी संभावना है। ऐसे में वहां सक्रिय आतंकी कश्मीर का रुख कर सकते हैं। सेना की 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने आशंका जताई है कि अगले तीन माह के दौरान सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशों में तेजी आएगी। सैयद अता हसनैन बुधवार को बारामूला जिले में एलओसी के साथ सटे उड़ी सेक्टर में सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत जारी योजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक के बाद बातचीत कर रहे थे। हसनैन ने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हालात का सीधा असर वादी में आतंकवाद पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि रूसी सेना के अफगानिस्तान से हटने के बाद वहां सक्रिय कई आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर पहुंचकर वारदातों को अंजाम दिया था। अब वहां से नाटो सेना के हटने की पूरी संभावना है। इसलिए आतंकी फिर कश्मीर का रुख कर सकते हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के अंदर खराब हालात का असर भी कश्मीर में होगा। कोर कमांडर ने कहा कि अगला साल जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत अहम है, क्योंकि वर्ष 2011 में रहे अमन से आतंकी और उनके आका हताश हैं। इसलिए वह चाहेंगे कि वर्ष 2012 में हिंसा हो और आतंकवाद को फिर जिंदा किया जाए। उन्होंने कहा कि इस समय सीमा पार स्थित लांचिंग पैड पर आतंकियों की बड़ी तादाद घुसपैठ के लिए तैयार बैठी है। आतंकी इस बार उड़ी सेक्टर से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। हसनैन ने कहा कि हमें आतंकियों के मंसूबों का पूरा आभास है और उनसे निपटने के लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि बीते ढाई माह के दौरान हमने सीमा पार से घुसपैठ का कोई प्रयास कामयाब नहीं होने दिया है, लेकिन इससे पता चलता है कि आतंकी इस बार जनवरी से मार्च तक पहाड़ों पर बर्फ के दौरान ज्यादा से ज्यादा घुसपैठ की कोशिश करेंगे। (दैनिक जागरण, राष्ट्रीय संस्करण)
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