जम्मू। सीमा पर शांति की आड़ में जहां पाकिस्तान
बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है, वहीं, गुलाम कश्मीर में चीन भी अपने पैर जमाने
में जुटा हुआ है। राजौरी, पुंछ से सटी सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभालने
वाली सेना की 25 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल केएच सिंह ने इस बात की पुष्टि
की है कि गुलाम कश्मीर में इस समय चीन के इंजीनियर और श्रमिक सक्रिय हैं। जनरल ने राजौरी
में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि असैन्य वर्दी में काम करने वाले ये लोग सेना
के हैं या नहीं, यह अभी कहा नहीं जा सकता।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, गुलाम कश्मीर में चीन पावर प्रोजेक्ट, रेलवे और सड़कों को चौड़ा करने में जुटा हुआ
है। इस कारण वहां चीनी सेना की गतिविधि निरंतर बढ़ती जा रही है। सिविल और सैन्य इंजीनियरों
की देखरेख में चल रही इन परियोजनाओं की सुरक्षा का जिम्मा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी
सम्हाल रही है। सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित, बाल्तिस्तान व साथ लगते इलाकों में बुनियादी
ढांचा मजबूत करने संबंधी रिपोर्ट सेना मुख्यालय को भेजी है।
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि काराकोरम
हाइवे को चौड़ा किया जाना आने वाले समय में सैन्य दृष्टि से बहुत बड़ी चुनौती हो सकती
है। वहीं, संघर्ष विराम की आड़ में पाकिस्तान ने पिछले
सात सालों में सीमा पर 886 बंकर, 261
मोर्चे, 398 टावर व 143 नई अग्रिम चौकियां बना दी
हैं। उधर, पाक अधिकृत कश्मीर में चीन जो ढांचा तैयार
कर रहा है, उसका इस्तेमाल सैन्य हस्तक्षेप के लिए भी
हो सकता है।
(दैनिक
जागरण, 24 मार्च 2012)
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