जम्मू। विधानसभा में मंगलवार को पाक अधिकृत
कश्मीर को आजाद कराओ, पाकिस्तान की गुंडागर्दी- नहीं चलेगी, नहीं चलेगी के नारे गूंजे। भाजपा, पैंथर्स पार्टी और जम्मू स्टेट मोर्चा के
विधायकों ने गिलगित-बाल्तिस्तान को पाकिस्तान द्वारा चीन को सौंपे जाने के मंसूबे पर एतराज जताते
हुए सदन से वाकआउट कर दिया। वित्तमंत्री अब्दुल रहीम
राथर ने इस मामले को केंद्र के अधीन बताते हुए कहा कि अगर वाकआउट करने वाले विधायक इस पर चर्चा
के लिए गंभीर होते तो उन्हें पहले स्पीकर को नोटिस
देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इन लोगों को बताना चाहिए कि उनके पास पाकिस्तान के इस मंसूबे की
जानकारी कहां से पहुंची। सुबह कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा, पैंथर्स पार्टी और जम्मू स्टेट मोर्चा ने सदन का ध्यान गिलगित-बाल्तिस्तान को चीन
के हवाले किए जाने की पाकिस्तानी
साजिश की तरफ दिलाया।
पैंथर्स पार्टी के विधायक हर्ष देव सिंह ने कहा कि पीओके हमारे राज्य का हिस्सा है। संसद ने
भी इस संदर्भ में एक प्रस्ताव
पारित कर इसे वापस लेने की प्रतिबद्धता जताई है। अक्साई चीन को पहले ही पाकिस्तान चीन के हवाले कर चुका
है। अब वह गिलगित-बाल्तिस्तान को भी 30 साल के लिए चीन के हवाले कर रहा है, लेकिन हमारी राज्य सरकार इस मामले पर पूरी तरह खामोश है। भाजपा के अशोक
खजूरिया ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर बयान देना चाहिए। इस सदन से भी कोई निर्देश जारी होना
चाहिए।
प्रो. चमन लाल गुप्ता ने कहा कि पीओके हमारा
हिस्सा है। डिप्टी स्पीकर सरताज मदनी ने सभी को शांत करने का प्रयास
किया। वह कुछ देर के लिए कामयाब भी रहे। लेकिन जल्द ही भाजपा विधायक जुगल किशोर, चौ सुखनंदन, शाम लाल चौधरी, अशोक खजूरिया और जम्मू स्टेट मोर्चा के विधायक अश्विनी कुमार शर्मा ने दोबारा उत्तेजित हो अपनी सीटों पर खडे़
हो गए। जुगल ने कहा कि पाकिस्तान गिलगित बाल्तिस्तान को चीन को तीस साल के लिए लीज पर दे रहा है
और यह सरकार चुप बैठी है। विधानसभा को इस मुद्दे
पर एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए। लेकिन पीठासीन अधिकारी और सदन में बैठे मंत्रियों द्वारा
इस मुद्दे पर कोई सकारात्मक रवैया न अपनाते देख जस्मो, भाजपा और पैंथर्स विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। (दैनिक जागरण, 21 मार्च
2012)
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