Dec 27, 2010
इटावा। अब समय आ गया है कि पं. जवाहरलाल और शेख अब्दुल्ला के बीच कश्मीर को लेकर हुए समझौते को देश की जनता के सामने सार्वजनिक किया जाए। आखिर पता तो चले कि कश्मीर समस्या के विवाद की जड़ है क्या। यह बात हाल ही में समाजवादी पार्टी में वापस लौटे मोहम्मद आजम खां ने दैनिक जागरण से चर्चा करते हुए कही।
उन्होंने कहां कि गुलाम नबी आजाद देश के मुस्लिमों के नेता न तो थे और न ही कभी हो सकते हैं। रही बात केंद्र की हुकूमत की तो उसने आश्वासन के बाद भी देश के मुसलमानों के साथ धोखा किया। सच्चर कमेटी का उदाहरण देश के सामने है। तभी देश की 1/5 फीसदी आबादी मुस्लिमों की होने के बाद भी केंद्र में केवल एक ही मुस्लिम मंत्री है। खां शनिवार की रात सैफई महोत्सव में आयोजित सभा कवि सम्मेलन में मुख्यअतिथि के रूप में आये थे।
(Courtesy : jagran.com)
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