सोपोर। हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के कई नेता जहां आतंकी संगठनों और पत्थरबाजों के बीच कोआर्डिनेटर की भूमिका निभाने और आतंकी संगठनों के लिए नए लड़के भर्ती करने में लगे हुए हैं, वहीं कई पत्थरबाज आतंकियों से कंधे कंधा मिलाकर सुरक्षाबलों पर आत्मघाती हमले करने के लिए भी तैयार हो चुके हैं।
यह खुलासा सोमवार को उत्तरी कश्मीर के डीआईजी मुनीर खान ने सोपोर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए एक नामी पत्थरबाज फिरदौस उर्फ बीरबल से हुई पूछताछ के आधार पर किया है। गौरतलब है कि बीरबल को गत 25 नवंबर को एसपी सोपोर अल्ताफ खान ने हिरासत में लिया था।
डीआईजी मुनीर खान ने बताया कि हुर्रियत कांफ्रेंस का एक स्थानीय नेता गुलाम मोहम्मद तांत्रे भी पकड़ा गया है। उससे मिले सुरागों के आधार पर ही फिरदौस पकड़ में आया। बहरामपोरा-
रफियाबाद का गुलाम मोहम्मद तांत्रे पत्थरबाजों के लिए पैसे का भी बंदोबस्त करता था। सोपोर में व्यापारियों से चंदा जमा करता था और लश्कर के लिए कैडर भी तैयार करता था। तांत्रे अपने मोबाइल नंबर - 9419870771 पर अक्सर लश्कर कमांडर फुरकान से बात करता था। फुरकान का मोबाइल नंबर - 9419751458 है। पुलिस ने तांत्रे को परिंपोरा से ही हवाला के तीस हजार रुपयों और लश्कर के एक लैटर हैड समेत पकड़ा। तांत्रे ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह फुरकान का ओजीडब्ल्यू है। पहले वह अल-बदर कमांडर तमीम के लिए काम करता था। तमीम गत वर्ष मारा गया था। तांत्रे वर्ष 1994 से ही आतंकी गतिविधियों में शामिल है। उसके खिलाफ बारामूला, सोपोर, रफियाबाद में कई मामले दर्ज हैं और वह कई बार जेल जा चुका है। अंतिम बार वह 11 जून 2009 को पकड़ा गया था और जेल गया था। उससे हुई पूछताछ में पुलिस को सोपोर के सबसे वांछित पत्थरबाज फिरदौस के ठिकाने का पता चला। फिरदौस को पुलिस ने दबोच लिया और उसने जो बताया वह हैरान कर देने वाला था। उसने लश्कर से अपने संबंधों को स्वीकारते हुए बताया कि एक आत्मघाती हमले की तैयारी हो रही है। उससे मिले सुरागों के आधार पर सोपोर के बादामीबाग इलाके में मोहम्मद अमीन डार के मकान में छापा मारा गया। वहां से पुलिस ने एक एसाल्ट राइफल, एक पिस्तौल, एक सेटेलाइट फोन, दो ग्रेनेड, दो फौजी वर्दियां, एक यूबीजीएल, 11 यूबीजीएल ग्रेनेड और तीन पाउच बरामद किए।
फिरदौस उर्फ बीरबल ने पूछताछ में बताया कि वह सोपोर और श्रीनगर में विभिन्न सुरक्षा शिविरों में आत्मघाती हमलों की तैयारी कर रहे थे। इन हमलों के लिए वह सिर्फ लश्कर कमांडर अब्दुल्ला उन्नी के इशारे का इंतजार कर रहे थे। पुलिस ने हुर्रियत कांफ्रेंस के गिलानी गुट के एक नेता फिरदौस शौरा व अल्ताफ गुरू नामक एक अन्य शरारती तत्व को भी हिरासत में लिया है। फिरदौस ने स्वीकार किया है कि वह पथराव में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्थानीय युवकों और अपने साथियों को पैसे देता था। यह पैसा तांत्रे और लश्कर कमांडर द्वारा उपलब्ध कराया जाता था।
(Courtesy : www.jagran.com, 28 Dec. 2010)
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