Friday, December 3, 2010

कश्मीरियों का हाल जानने पहुंचा सांसदों का दल

श्रीनगर। केंद्रीय वार्ताकारों के कश्मीर दौरे के बाद अमन बहाली के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को देशभर से सांसदों और बुद्धिजीवियों का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय मिशन कश्मीर पर घाटी पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा कि कश्मीरियों के साथ पूरा हिंदुस्तान जुड़ा है। हम यहां के जमीनी हालात का जायजा लेने आए हैं, ताकि कश्मीर में स्थायी तौर पर अमन बहाली और इस समस्या के सर्वमान्य हल के लिए आवश्यक जमीन तैयार की जा सके। 
उन्होंने कहा कि हम सभी पक्षों से मिलेंगे। सबकी राय लेंगे और उसके आधार पर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट देंगे। इस प्रतिनिधिमंडल में जनता दल सेक्युलर के दानिश अली, माकपा के गोपाल चौधरी, भाकपा के डी. राजा, तेलुगू देशम पार्टी के नामो नागेश्वर राव, जनता दल यूनाइटेड के महेश्वर हजारी, राष्ट्रीय लोकदल के शाहिद सिद्दकी, पत्रकार सीमा मुस्तफा, फिल्म निदेशक महेश भट्ट, शिक्षाविद्ध कमल चिनॉय और लोकजनशक्ति पार्टी के शोएब इकबाल शामिल हैं। ये लोग सबसे पहले तुफैल मट्टू के घर पहुंचे और उसके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना जताई। मट्टू की 11 जून को पुलिस द्वारा चलाए गए अश्रुगैस के गोले से मौत हो गई थी। इसके बाद पूरी वादी में जबरदस्त हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हुआ था। इससे अलगाववादियों को भी अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का मौका मिला था। भाकपा के डी. राजा ने कहा कि हम हिंसा चक्र के दौरान अपने परिजनों को गंवाने वाले सभी लोगों के प्रति संवेदना जताते हैं। कश्मीर के लोगों की भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। घाटी में अमन बहाली के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके बाद तुफैल मट्टू के पिता मोहम्मद अशरफ ने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल सिर्फ संवेदना ही जता सकता है। यह कश्मीर के लोगों को इंसाफ नहीं दिला पाएगा, क्योंकि यह सरकार द्वारा अधिकृत नहीं है। बावजूद इसके यह उन भ्रमों को दूर करने में कामयाब रहेगा जो विभिन्न लोगों के दिलों में भारत या कश्मीर के हालात को लेकर हैं। गौरतलब है कि यह प्रतिनिधिमंडल गत सितंबर माह में राज्य के दौरे पर आए केंद्रीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की तरह केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त नहीं किया गया है।

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