श्रीनगर। आर्थिक संकट से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रीमंडल के सहयोगियों ने तीन साल में सरकारी खजाने से 12 करोड़ रुपये हेलीकॉप्टर व जहाज की सैर पर खर्च किए हैं। इसका खुलासा नागरिक उड्डयन विभाग (सीएडी) ने एक आरटीआइ के जवाब में किया है। हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल न सिर्फ दूरदराज इलाकों के लिए बल्कि तीन से चार किलोमीटर की दूरी के लिए भी किया गया है। आरटीआइ में बताया गया है कि नेहरू हेलीपैड से एसकेआइसीसी तक जाने के लिए भी हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली गई हैं, जो मुश्किल से तीन से चार किलोमीटर की दूरी पर है।
गौरतलब है कि सीएडी मुख्यमंत्री के अधीन ही है। बड़गाम जिले के रहने बशीर अहमद मलिक ने जून माह में सूचना के अधिकार के तहत सीएडी में याचिका दायर कर वर्ष 2009 से 2011 तक मुख्यमंत्री व अन्य अतिविशिष्ट लोगों द्वारा हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल और उस पर आए खर्च की जानकारी मांगी थी। संबंधित अधिकारियों द्वारा जानकारी देने से इंकार पर बशीर ने राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त के पास याचिका दायर की। इसके बाद सीएडी ने याचिका का जवाब दिया है।
सीएडी ने बताया कि हेलीकॉप्टर व जहाज पर वर्ष 2009-2010 के दौरान चार करोड़ खर्च हुए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री, उनके सुरक्षा दस्ते, राज्य कैबिनेट के विभिन्न सदस्यों ने जम्मू से कटड़ा, गुलमर्ग से नेहरू हेलीपैड, जम्मू से राजौरी, राजौरी से शाहदरा शरीफ, नेहरू हेलीपैड से श्रीनगर एयरपोर्ट, नेहरू हेलीपैड से एसकेआइसीसी, पहलगाम से नेहरू हेलीपैड और एसकेआइसीसी से गांदरबल व अन्य स्थानों पर आने-जाने के लिए सरकारी हेलीकॉप्टर और जहाज का इस्तेमाल किया है। वर्ष 2010-11 के दौरान जहाज और हेलीकॉप्टर पर सरकारी खजाने से पांच करोड़ 97 लाख 47 हजार 504 रुपये खर्च हुए हैं। इस साल जून माह तक 78 लाख आठ हजार 567 रुपये खर्च हुए हैं।
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