नई दिल्ली। सरकार ने जम्मू कश्मीर के मसले का हल तलाशने के लिए नियुक्त तीन वार्ताकारों में से एक राधा कुमार के इस्तीफे की खबरों का खंडन किया है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि कुमार ने इस्तीफा नहीं दिया है और उनके इस्तीफे के बारे में रिपोर्टे बेबुनियाद हैं। वास्तव में वार्ताकार जम्मू कश्मीर के अपने दौरे खत्म करने के बाद अब अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।
जानेमाने पत्रकार दिलीप पडगांवकर की अध्यक्षता में गठित वार्ताकार दल में शिक्षाविद कुमार के अलावा पूर्व सूचना आयुक्त एम एम अंसारी शामिल हैं। कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्टो में कहा गया था कि अंसारी द्वारा अपनी आलोचना से नाराज कुमार ने अपना इस्तीफा गृह मंत्री को भेज दिया है।
अंसारी ने पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई. से संबंध रखने वाले कश्मीरी अलगाववादियों द्वारा आयोजित सेमीनारों में भाग लेने पर डगांवकर और सुश्री कुमार की आलोचना की थी। तीन सदस्यीय वार्ताकार दल का गठन जम्मू कश्मीर में समाज के विभिन्न तबकों से बातचीत कर कश्मीर समस्या का राजनीतिक समाधान तलाशने के लिए किया गया था।
इस दल ने जम्मू कश्मीर के अपने दौरों में लगभग 5000 लोगों और 600 प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की। सू्त्रों के अनुसार वार्ताकार इसी हफ्ते गृह मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात करने वाले हैं। वार्ताकारों का कार्यकाल 12 अक्टूबर को खत्म हो रहा है और उनकी रिपोर्ट सितंबर के अंत तक तैयार हो जाने की संभावना है।
(http://patrika.com/news.aspx?id=654289)
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