श्रीनगर। राज्यपाल एनएन वोहरा ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर वैट अधिनियम 2005 तथा जम्मू-कश्मीर वित्तीय जिम्मेदारी व बजट प्रबंधन अधिनियम 2006 में संशोधन के लिए दो अध्यादेश जारी किए। गौरतलब है कि इस समय राज्य विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आग्रह पर राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुच्छेद 91 के तहत अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए ये अध्यादेश जारी किए हैं। दोनों अध्यादेश राज्यपाल की घोषणा के साथ ही प्रभावी माने जाएंगे। जम्मू-कश्मीर वैट संशोधन अध्यादेश 2011 के प्रभावी होने से जम्मू-कश्मीर में पैदा अथवा निर्मित होने और पुंछ व उड़ी के रास्ते गुलाम कश्मीर निर्यात किए जाने वाले किसी भी सामान पर अब वैट लागू नहीं होगा। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा क्रॉस एलओसी ट्रेड में शामिल राज्य के व्यापारी बीते कई महीनों से गुलाम कश्मीर भेजे जाने वाले सामान को वैट मुक्त करने की मांग कर रहे थे। वहीं, जम्मू-कश्मीर वित्तीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन अध्यादेश 2011 के प्रभावी होने से राज्य सरकार डेबिट कंसालिडेशन एंड रिलीफ फैसलिटी (लगभग 115 करोड़ रुपये सालाना), एनएसएसएफ कर्ज के ब्याज भुगतान में छूट (लगभग 100 करोड़), केंद्रीय ऋणों की माफी (लगभग 117 करोड़) और राज्य विशेष के लिए अनुदान (लगभग 350 करोड़) जैसे वित्तीय लाभ केंद्र से प्राप्त कर सकेगी।
(दैनिक जागरण, 27 अगस्त 2011)
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