श्रीनगर। संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु की फांसी की सजा माफी के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने पर जोर दे रहे निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने शनिवार को नेशनल कांफ्रेंस व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से पूरे सहयोग की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि अगर प्रस्ताव पारित होता है तो केंद्र को इस पर ओवर रिएक्ट नहीं करना चाहिए। यहां पत्रकारों से बातचीत में रशीद ने कहा कि अफजल की फांसी की सजा माफी का प्रस्ताव हालांकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को ही विधानसभा में लाना चाहिए था। तमिलनाडु में अगर जयललिता खुद स्व. राजीव गांधी के हत्यारों की माफी के लिए प्रस्ताव ला सकती है, पंजाब में प्रकाश सिंह बादल बतौर मुख्यमंत्री राष्ट्रपति को पत्र लिख देवेंद्र सिंह भुल्लर को माफ करने का आग्रह कर सकते हैं तो उमर अब्दुल्ला को भी इसमे परहेज नहीं होना चाहिए। मुझे समझ में नहीं आता कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और पंजाब के प्रकाश सिंह बादल के रवैये पर कहीं कोई हंगामा नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिर्फ ट्वीट किया और ऐसा लगता है कि जैसे आसमान फट गया हो। उन्होंने कहा कि एक तरफ हम कश्मीर में अमन बहाली की बात करते हैं। कश्मीरियों की आहत भावनाओं पर मल्हम की वकालत करते हैं तो दूसरी ओर अफजल को फांसी पर लटकाने को आमादा क्यों हैं। उसे मानवीय आधार पर रिहा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को भी आगे आकर सहयोग करना चाहिए। मैं जानता हूं कि दिल में भाजपाई भी चाहते होंगे कि गुरु को माफी मिल जाए, लेकिन वह अपनी राजनीतिक मजबूरियों के चलते खुलकर नहीं बोल रहे हैं।
(दैनिक जागरण, 05 सितम्बर 2011)
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