Wednesday, September 28, 2011

कश्मीर केंद्रित फार्मूला बर्दाश्त नहीं : भागवत


जम्मू, 24 सितम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने कहा है कि अलगाववादियों को खुश करने के लिए जम्मू-कश्मीर में देश की संप्रभुता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र के वार्ताकारों की आड़ में राज्य में कोई रेडीमेड फार्मूला लागू करने की कोशिश हुई तो पूरे देश में आंदोलन होगा।

राज्य के पांच दिवसीय दौरे पर आए सरसंघचालक ने शुक्रवार शाम को जम्मू क्लब में बुद्धिजीवियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान व चीन जैसे दुश्मन देशों से घिरे जम्मू-कश्मीर के हालात चिंताजनक हैं। लिहाजा, यहां राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत बनाना जरूरी है। राज्य में सक्रिय देशविरोधी तत्वों के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए एकजुटता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि गृहमंत्री पी चिदंबरम जैसे नेता अलगाववादियों को खुश करने के लिए कश्मीर केंद्रित नीतियां अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघ वर्ष 1953 के आंदोलन की तर्ज पर जम्मू के मुद्दों को लेकर देशभर में लड़ाई लड़ने की रणनीति बनाएगा।

राष्ट्रवाद को प्रोत्साहित करने के लिए संघ के अभियान पर प्रकाश डालते हुए सरसंघचालक ने कहा कि राज्य में राष्ट्रवादी ताकतों का मजबूत होना जरूरी है। बैठक में दौ सौ के करीब बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, सेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। विचार विमर्श सत्र के दौरान राज्य में जम्मू संभाग, रिफ्यूजियों, कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक घाटी वापसी, पूर्व सैनिकों से हो रहे भेदभाव का मुद्दा जोरशोर से उठा। राज्य में अलग विधान, अलग निशान होने के मुद्दे पर एक प्रश्न के उत्तर में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संघ वर्ष 1953 के आंदोलन की तर्ज पर इन मुद्दों को लेकर आंदोलन करने पर विचार करेगा। बैठक में राज्य में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के साथ लद्दाख में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप का मुद्दा भी उठा।

बैठक में संघचालक ब्रिगेडियर सुचेत सिंह, प्रातीय प्रचारक रमेश पप्पा, अमरनाथ भूमि आंदोलन का नेतृत्व कर चुके लीलाकरण, शिक्षाविद् प्रो हरिओम, भाजपा विधायक जुगल किशोर शर्मा, जम्मू यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान प्रो दिलीप सिंह, प्रो नरेन्द्र सिंह व प्रो जेपी सिंह जरूल मौजूद थे। सरसंघचालक शनिवार को जम्मू के वेद मंदिर में सुबह ग्यारह बजे से शाम पांच बजे तक होने वाली बैठक में आरएसएस, विहिप व भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श करेंगे।

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