जम्मू। केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर
में सेना के विशेषाधिकारों में संशोधन को लेकर तीन प्रस्ताव आए
हैं, जो
सुरक्षा मामलों पर बनी कैबिनेट सब कमेटी के पास विचाराधीन हैं। अफस्पा
पर फैसला होते ही इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा। जम्मू
में एक दिवसीय दौरे पर आए चिदंबरम ने यहां गेस्ट हाउस में पत्रकारों से
कहा कि अफस्पा के सभी पहलुओं पर गंभीरता से गौर किया जा रहा है। इसके अलावा
जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र के वार्ताकारों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर
भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।
इससे पहले चिदंबरम ने कई प्रतिनिधिमंडलों
से भेंट कर जनआकांक्षाओं का जायजा लिया। करीब आधा घंटा मुलाकातों
के बाद चिदंबरम पौने चार बजे दिल्ली जाने के लिए जम्मू एयरपोर्ट रवाना
हो गए। इससे पूर्वसुबह पौने आठ बजे चिदंबरम जम्मू के टेक्निकल एयरपोर्ट पहुंचे। यहां
से वह सीधे विशेष हेलीकॉप्टर से सांझीछत हेलीपैड पहुंचे। भवन तक पैदल यात्रा करने के
बाद चिदंबरम माता के दर्शन कर जम्मू रवाना हो गए। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री आवास
में हुई उच्च स्तरीय बैठक में राज्य के सुरक्षा हालात का जायजा भी लिया। (11/04/2012)
आतंकियों व अलगाववादियों के वित्तीय ढांचे पर करें प्रहार
जम्मू। केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को एक
उच्चस्तरीय बैठक में
जम्मू-कश्मीर में गर्मियों के दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने और श्री अमरनाथ
यात्रा को सुरक्षित बनाने की रणनीति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला
की मौजूदगी में चिदंबरम ने आतंकियों व अलगाववादियों के वित्तीय ढांचे
को निशाना बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने हवाला से जुड़े मामलों और इनमें
लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने के लिए भी कहा। बैठक
में शहरी निकायों की चुनाव प्रक्रिया के लिए सुरक्षा व्यवस्था और पूर्व
आतंकियों के पुनर्वास से लेकर एलओसी पार से लौटकर मुख्यधारा में शामिल
होने वाले युवकों की समस्याओं पर भी चर्चा हुई।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री
ने राज्य में सुधरते हालात का जिक्र करतेहुए कहा कि केंद्र को अफस्पा हटाने की शुरुआत
करनी चाहिए। उन्होंने शुरू में कठुआ, जम्मू, सांबा, श्रीनगर
और बड़गाम को अफस्पा मुक्त करने पर जोर देते हुए कहा कि आतंकी वारदातों में उल्लेखनीय
कमी आई है। उन्होंने शहरी इलाकों से बंकर हटाने और सुरक्षाबलों में कटौती की प्रक्रिया
में तेजी लाने पर भी जोर दिया। इस बीच गृहमंत्री ने आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
लेते हुए पुलिस समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और केंद्रीय अर्द्धसैनिकबलों को आपसी
समन्वय को और ज्यादा मजबूत बनाने पर जोर दिया। बैठक में वर्ष 2011 के दौरान कश्मीर
समेत पूरे राज्य में लगभग बहाल रही शांति को बनाए रखने के लिए अपनाई गई रणनीति की समीक्षा
की गई। साथ ही वर्ष 2012 की गर्मियों को भी शांत बनाने और आतंकियों व अलगाववादियों
द्वारा माहौल बिगाड़ने की साजिशों को नाकाम बनाने की कार्ययोजना भी तैयार की गई।
बैठक में उपमुख्यमंत्री तारांचद, गृहराज्यमंत्री नासिर
असलम वानी, मुख्यमंत्री
के प्रमुख सचिव बीबी व्यास, गृहसचिवायुक्त
बीआर शर्मा, केंद्रीय
गृहमंत्रालय में कश्मीर मामलों के संयुक्त सचिव के सकंदन, आइबी
के अतिरिक्त निदेशक राजीव कपूर, सीआरपीएफ के जम्मू कश्मीर में विशेष महानिदेशक
अनिरूद्ध उप्पल, राज्य
के दोनों संभागों के मंडलायुक्त व पुलिस आइजीपी, राज्य व केंद्रीय खुफिया
एजेंसियों के राज्य में तैनात वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। (11/04/2012)
नेकां अलग थलग
जम्मू। जम्मू-कश्मीर से अफस्पा हटाने के हालात नहीं हैं। ऐसा
करने का फायदा
देशविरोधी तत्वों को हो सकता है। यह मुद्दा मंगलवार दोपहर को गृहमंत्री
पी. चिदंबरम से हुई प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की बैठक के दौरान उठा।
जोर दिया गया कि कुछ जिलों से अफस्पा हटाने पर वे देशविरोधी तत्वों की शरण
स्थली बन सकते हैं। बता दें कि सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) पांच
जिलों से अफस्पा हटाने की पैरवी कर रही है।सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस
के कई नेताओं ने बैठकों में नेकां की ओर इशारा करते हुए कहा कि अफस्पा
हटाने के मुद्दे पर राजनीति हो रही है। जबकि कांग्रेस के कश्मीर केंद्रित
कई नेता इस मामले पर चुप रहे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार अफस्पा का मुद्दा
सबसे पहले जम्मू-पुंछ संसदीय क्षेत्र के सांसद मदन लाल शर्मा ने उठाया।
उन्होंने कहा कि इसे हटाने से नुकसान हो सकता है। इसके बाद पुंछ के कुछ
नेताओं ने भी इसे न हटाने की वकालत की। इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष
सैफुद्दीन सोज ने राज्य के मौजूद सुरक्षा हालात व लोगों को पेश आ रही
कई समस्याएं गृहमंत्री के सामने उजागर की। बैठक में उठाए गए मुख्य मुद्दों
में सीमा पर किसानों को राहत देने के लिए फेंसिंग को जीरो लाइन तक ले
जाना, सीमा
क्षेत्र विकास फंड में वृद्धि करना, गुलाम कश्मीर के रिफ्जूजियों
को एक मुश्त मुआवजा देना, पंचायती
राज को मजबूत बनाने के साथ जल्द स्थानीय चुनाव करवाना शामिल था।
चिदंबरम से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में उपमुख्यमंत्री ताराचंद, सांसद
मदन लाल शर्मा, लाल
सिंह के साथ रमण भल्ला, शाम
लाल, पीरजादा
मुहम्मद सईद, मनोहर
लाल, शब्बीर
खान, मूला
राम, अशोक
कुमार, जीए
मीर, जीएम
सरूरी, धर्मपाल
शर्मा, जहांगीर
मीर, इंदू
पवार, स्वर्णलता
आदि शामिल थे। इसके बाद गृहमंत्री ने ऑल पार्टी सिख कोआर्डिनेशन कमेटी व पहाड़ी फोरम
के प्रतिनिधियों से भी भेंट की। मुश्ताक बुखारी की अध्यक्षता में मिले प्रतिनिधिमंडल
ने जोर दिया कि राज्य में पहाड़ी भाषी लोगों को शेड्यूल ट्राइव का दर्जा दिया जाए।(11/04/2012)
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