Thursday, April 12, 2012

हिंदू श्राइन बिल को लेकर पंडित हो रहे लामबंद


जम्मू। पांच वर्ष से अधर में लटके कश्मीरी हिंदू श्राइन बिल को लेकर सरकार के रवैये के खिलाफ कश्मीरी पंडित फिर लामबंद हो गए हैं। संपत्ति पर बढ़ते अवैध कब्जों से चिंतित पंडित समुदाय ने सड़क पर उतरने की तैयारी कर ली है। पंडित प्रेमनाथ भट्ट मेमोरियल ट्रस्ट के बैनर तले शुरू होने वाले संघर्ष के लिए बैठकों का दौर जारी है।
ट्रस्ट के चेयरमैन एएन पंडिता के नेतृत्व में अन्य संगठन फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार हैं। बुधवार को यहां बैठक के दौरान ट्रस्ट के नेताओं ने बजट सत्र के दौरान बिल को विधानसभा में न लाए जाने पर रोष जताया। ट्रस्ट के राष्ट्रीय प्रवक्ता हीरा लाल भट्ट ने पंडित समुदाय को गुमराह करने के लिए सरकार को आड़े हाथों लिया। साथ ही कहा कि पंडित अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। ट्रस्ट तब तक अपना संघर्ष जारी रखेगा जब तक सरकार वादी में पंडितों की धार्मिक स्थलों व मंदिरों की संपत्ति को संरक्षित नहीं करती। (12/04/2012)

हुर्रियत से मिले कश्मीर हिंदू
जम्मू। कश्मीर मसले को सिविल सोसायटी द्वारा सुलझाने के उद्देश्य से कश्मीरी पंडितों का एक शिष्टमंडल हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों से मिला है। कुछ वरिष्ठ नेताओं सहित इस शिष्टमंडल ने लगातार तीन दिन सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक से मुलाकात की। उन्होंने कश्मीर की सिविल सोसायटी के साथ बैठ कर कश्मीर मसले के समाधान की वकालत की। उन्होंने कहा कि कश्मीर मसले के हल को लेकर पंडित समुदाय राज्य व केंद्र सरकार के तरीकों से असंतुष्ट है। हालांकि, कुछ पंडित संगठनों ने इसका जोरदार विरोध किया है। इनका कहना है कि आतंकवादियों को शह देने वाली हुर्रियत कांफ्रेंस के गिलानी जैसे कट्टरपंथी नेता की कश्मीरी पंडितों को वापस वादी आने की अपील और उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाने का आश्वासन अपने आप में एक कोरा मजाक है।
पनुन कश्मीर के डॉ. अजय चरंगू ने कहा कि चंद पंडित नेताओं का हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ मिलकर कश्मीर मसले का समाधान तलाशना पंडित समुदाय का मजाक उड़ाना है। जो लोग पंडितों को कश्मीर से खदेड़ने के लिए जिम्मेदार हैं, वही अब पंडितों के पैरोकार कैसे हो सकते हैं? पनुन कश्मीर के ही अश्विनी चरंगू का कहना है कि पंडित समुदाय ने किसी को यह हक नहीं दिया कि वह अलगाववादियों के साथ वार्ता करे और अगर कोई करता है तो वह अपने निहित स्वार्थो के लिए कर रहा है। हुर्रियत से मिले शिष्टमंडल में जस्टिस बीएल सर्राफ, प्रेमनाथ भट मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी, कश्मीरी पंडित सभा के प्रेजिडेंट प्रो. ए एन साधू, गांधी कॉलेज कश्मीर के अध्यक्ष एक के दीवानी, यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज के प्रेजिडेंट आर के भट आदि शामिल थे। (12/04/2012)

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