वाशिंगटन। कश्मीरी अलगाववादी गुलाम नबी फई ने अपने कश्मीरी संगठन
को पाकिस्तानी खुफिया तंत्र के एक मुखौटे के रूप में 20 वर्षो तक संचालित किया। फई
को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ सम्बंध छुपाने के लिए दो वर्ष के कारावास की सजा
सुनाई गई है।
फई (62)को पाकिस्तान के लिए गैरपंजीकृत लॉबिस्ट के रूप में काम
करने के दौरान साजिश रचने और कर चोरी करने के लिए वाशिंगटन डीसी के उपनगर,वर्जीनिया में अलेक्जेंड्रिया जिला अदालत
ने शुक्रवार को दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई और रिहाई के बाद भी तीन वर्षो तक उसपर
नजर रखने के आदेश दिए।
फई ने दिसम्बर में गुनाह कुबूल कर लिया था। वह कश्मीरी अमेरिकी
परिषद का प्रमुख था,जिसे एक गैर सरकारी संगठन
के रूप में अमेरिकी लोग इसलिए धन मुहैया कराते थे कि संस्था का उद्देश्य कश्मीर के
बारे में ज्ञान का प्रचार-प्रसार करना है।
लेकिन अदालती दस्तावेजों के अनुसार,इस संस्था को वास्तव में पाकिस्तान सरकार
के अधिकारियों से धन मिलता था। धन देने वाले अधिकारियों में इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस(आईएसआई)निदेशालय
के सदस्य शामिल थे।
अभियोजकों ने कहा है कि आईएसआई ने फई को न केवल धन मुहैया कराया, बल्कि उसके संगठन के अभियान को भी निर्देशित
किया और उसने कश्मीर के बारे में अमेरिका में लॉबिंग के लिए भुगतान हेतु पाकिस्तान
सरकार से हुए कम से कम 35 लाख डॉलर के हस्तांतरण को छुपाया।
अमेरिकी अटॉर्नी,नील
मैक्ब्रिज ने एक लिखित बयान में कहा है,”फई
ने 20 वर्षो तक कश्मीरी अमेरिकी परिषद को पाकिस्तानी खुफिया के मुखौटे के रूप में संचालित
किया।”
मैक्ब्रिज ने कहा है,”उसने
पूरे अमेरिका में न्याय विभाग से,आईआरएस
से,और कई राजनीतिज्ञों झूठ
बोला,क्योंकि उसने कश्मीर पर
आईएसआई के दुष्प्रचार को बढ़ावा दिया।”
अभियोजकों ने कहा है कि फई ने स्वीकार किया है कि 1990 से जुलाई
2011 तक, जब उसे गिरफ्तार किया
गया था, वह अपनी संस्था के लिए
पाकिस्तान सरकार से धन हासिल करने की साजिश में लगा हुआ था और उसने सरकार को झूठे बयान
दिए थे। (4/4/2012)
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