जम्मू। विधानसभा ने बुधवार
को ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर केंद्र से आग्रह किया कि निकट भविष्य में होने वाली भारत-पाक वार्ता में क्रॉस
एलओसी ट्रेड का मुद्दा भी शामिल किया जाए। इसमें
दोनों तरफ के व्यापारियों के लिए निर्विघ्न टेलीफोन और बैंकिंग सुविधा बहाल करना प्रमुख है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान क्रॉस एलओसी
व्यापार के मुद्दे पर बहस में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य
के दो हिस्सों के लोगों में संवाद बढ़ाने और उनकी
बेहतरी के लिए बस सेवा और ड्यूटी फ्री व्यापार शुरू किया गया था। बस सेवा में बेहतरी आई, लेकिन अफसोस कि क्रॉस एलओसी ट्रेड में उम्मीद के मुताबिक सुधार नहीं हुआ, क्योंकि एलओसी को अंतरराष्ट्रीय सीमा का दर्जा नहीं
दिया जा सकता, जिसके चलते वाघा बार्डर और नाथूला बार्डर की तरह श्रीनगर-मुजफ्फराबाद
और पुंछ-रावलाकोट में व्यापारिक
सुविधाएं नहीं हैं। हालांकि हमने कई सुविधाएं जुटाई हैं, लेकिन यह व्यापार पूरी तरह सामान के बदले सामान
अथवा बार्टर ट्रेड है। दोनों तरफ के व्यापारियों को चौबीस घंटे आपसी बातचीत की इजाजत नहीं है। यहां
से व्यापारी अखरोट भेजते हैं तो वहां से अखरोट
के बदले चप्पल आ जाती है। सौ रुपये की चीज के बदले पचास रुपये की वस्तु आ जाती है।
उमर ने कहा कि हमारे व्यापारियों
को इस व्यापार का जितना फायदा होना चाहिए, वह नहीं हुआ। इसका लाभ पठानकोट, अमृतसर और पंजाब के व्यापारियों ने ही लिया है। उन्होंने कहा कि इस व्यापार का
फायदा तभी होगा जब दोनों तरफ के व्यापारियों के बीच चौबीस घंटे संवाद की सुविधा हो, नकद लेन-देन के लिए बैंकिंग व्यवस्था हो। बार्टर ट्रेड समाप्त
हो। उमर ने कहा कि हम प्रधानमंत्री
से आग्रह करते हैं कि वह पाकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ होने वाली बातचीत में इस मुद्दे पर बातचीत करें। स्पीकर मुहम्मद अकबर लोन ने मुख्यमंत्री
के इस प्रस्ताव के बारे में जब सदस्यों से पूछा तो सभी ने ध्वनिमत से इसका समर्थन किया।
(5/4/2011)
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