वाशिंगटन। विदेश सचिव रंजन मथाई ने विगत दिनों (12 अप्रैल) कहा कि
भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता पर आगे बढ़ने एवं कश्मीर मुद्दे पर
चर्चा करने का इच्छुक है, लेकिन
आतंकवादी संगठनों पर काबू कर पाने में इस्लामाबाद की नाकामी प्रमुख बाधा बनी हुई है।
मथाई ने एक समाचार-पत्र को दिए साक्षात्कार
में कहा, ‘‘पाकिस्तान की ओर से भारतीय उत्पादों
के लिए अपने बाजार खोलने सहित उठाए गए कई हालिया कदम इस बात का संकेत हैं कि वह भारत
के साथ रिश्ते सुधारने को लेकर गंभीर है।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर मौजूद
आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। विदेश सचिव ने कहा कि यह बात भारत
को बहुत अखरती है कि मुम्बई हमलों का साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद
पाकिस्तान में सरेआम सभाओं को संबोधित करने के साथ टेलीविजन चैनलों पर नजर आ रहा है।
भारतीय अधिकारी मथाई ने कहा कि भारत पर
हमला करने वाले आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में इस्लामाबाद की नाकामी
शांति वार्ता की राह में बड़ी बाधक है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से सईद पर एक
करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित किया जाना यह सिद्ध करता है कि वाशिंगटन नई दिल्ली के उस
विचार से सहमत है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से बड़ा खतरा है। मथाई ने कहा, ‘‘इससे यह पता चलता है कि हमारी चिंता अब
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक चिंता का विषय बन गया है।’’
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