जम्मू। श्रीनगर स्थित सेना की 15वीं कोर के कमांडर
लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने शुक्रवार को कहा कि सीमा
पार बैठे आतंकी इस गलतफहमी में न रहें कि वे हथियारों
के साथ जिंदा नियंत्रण रेखा पार कर सकते हैं। अगर ऐसा किया
तो मारे जाओगे। अलबत्ता, मुख्यधारा
में लौटने की चाह में आने वाले युवकों कोसम्मानजनक
जिंदगी जीने में पूरी मदद की जाएगी, बशर्ते वे राज्य व केंद्र
सरकार द्वारा घोषित नीति के तहत औपचारिकताएं पूरी कर निर्धारित रास्तों
से ही आएं। उन्होंने आने वाले समय में सीमा पार से घुसपैठ के प्रयासों
में तेजी की आशंका भी जताई। हसनैन हंदवाड़ा के
करमहूरा जंगल में मुठभेड़स्थल का दौरा करने के बाद पत्रकारों
के सवालों का जवाब दे रहे थे।
बता दें कि गत दिवस यहां हुई मुठभेड़
में पांच आतंकी मारे गए थे। बीते दस दिनों में हंदवाड़ा में लश्कर के
दस आतंकी मारे गए हैं। हसनैन ने बताया कि मारे गए पांच आतंकी
नए नहीं थे, वे
हंदवाड़ा और उसके साथ सटे इलाकों में कई महीनों से सक्रिय थे।
हो सकता है ये आतंकी नियंत्रण रेखा पर घुसपैठियों
के एक नए दल को लेने जा रहे हों। फिलहाल, मुठभेड़स्थल से
मिले दस्तावेजों की जांच की जा रही है। घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने
कहा कि आने वाले समय में सीमा पार से घुसपैठ के प्रयासों में तेजी
आ सकती है। पहाड़ों पर बर्फ भी पिघलने लगी है। वैसे भी जम्मू-कश्मीर में
सक्रिय अधिकांश प्रमुख कमांडर मारे जा चुके हैं और मरनासन आतंकवाद को जिंदा
रखने के लिए गुलाम कश्मीर में बैठे आतंकी सरगना ज्यादा से ज्यादा आतंकियों
को इस तरफ धकेलने का प्रयास करेंगे।
अलबत्ता, हमारे जवान घुसपैठ के
हर प्रयास को नाकाम बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने
आतंकरोधी अभियानों में मिल रही सफलता को विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों
और खुफिया संस्थाओं के बीच आपसी समन्वय व आम लोगों के सहयोग का नतीजा
करार दिया। आतंकियों के पुनर्वास और सरेंडर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने
कहा कि हम शुरू से ही गुमराह युवकों की मुख्यधारा में वापसी के प्रयासरत
हैं। सेना निर्धारित नियमों के मुताबिक काम करती है। (7/4/2012)
No comments:
Post a Comment