जम्मू। राज्य के कुछ जिलों से सेना के विशेषाधिकार खत्म करने के मुद्दे पर कई दिन दिल्ली में बिताकर आए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला फिर दिल्ली पहुंच गए हैं। 15 नवंबर को लौटे उमर वीरवार दोपहर तीन बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस बार उन्होंने ट्विटर से दिल्ली जाने की सूचना नहीं दी। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री किसी अहम बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली गए हैं। इसी सप्ताह दिल्ली में अफस्पा हटाने की पैरवी करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी, रक्षामंत्री एके एंटनी के साथ थलसेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह से भेंट की थी। इसी बीच दिल्ली में उच्चतम न्यायालय में नेकां कार्यकर्ता मुहम्मद युसूफ की संदिग्ध मौत की सीबीआइ जांच करवाने का मामला भी चल रहा है।
फारूक ने भी की अफस्पा हटाने की पैरवी
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) हटाने के समर्थन में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला भी खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने वीरवार को कहा कि राज्य की परिस्थिति से मुख्यमंत्री सबसे करीब से वाकिफ होता है, इसलिए ऐसे फैसलों में उसकी बातों को पूरी तवज्जो मिलनी चाहिए। फारूक ने कहा कि राज्य के किन इलाकों से अफस्पा हटाना है, इसका सबसे बेहतर फैसला राज्य सरकार ही कर सकती है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद कहा है कि कुछ इलाकों के हालात पहले से बेहतर हुए हैं। केंद्र भी कह रहा है कि पाकिस्तान के साथ संबंधों में तरावट आई है। ऐसे में कुछ क्षेत्रों से अफस्पा हटाने में कोई एतराज नहीं होना चाहिए। फारूक ने कहा कि जब श्रीनगर से 40 बंकर हटाए जा रहे थे, तब भी कुछ लोगों ने इसका विरोध किया था। अब इसका फायदा साफ दिखाई दे रहा है।
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