जम्मू। आतंकवाद का सामना कर रहे जम्मू-कश्मीर में अभी सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) खत्म करने लायक हालात नहीं हैं। सेना ने यह पक्ष बुधवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई यूनिफाइड हेडक्वार्टर की बैठक में रखा। सेना ने कहा कि राज्य में आतंकवाद का ढांचा बरकरार है। कहीं कम या ज्यादा होना कोई मायने नहीं रखता। इस मसले पर तीन घंटे तक गहन मंथन हुआ। बाद में फैसला हुआ कि इस मुद्दे पर बातचीत अभी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री इस बात पर अड़े हुए थे कि कई जिलों में विशेषाधिकार खत्म करने लायक हालात बन गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस मसले पर सेना के साथ पुलिस, खुफिया एजेंसियों की राय भी ली। इसके साथ राज्य के मौजूदा सुरक्षा हालात, कानून एवं व्यवस्था के मसलों पर भी चर्चा हुई। सहयोगी पार्टी कांग्रेस भी एतराज जता चुकी है कि सीएम ने यूनिफाइड हेडक्वार्टर की बैठक में इस मुद्दे पर विचार करने से पहले ही श्रीनगर व बडगाम से अफस्पा हटाने की घोषणा कर दी। बैठक में उप मुख्यमंत्री ताराचंद, गृह राज्यमंत्री नसीर असलम वानी, चीफ सेक्रेटरी माधव लाल, गृह सचिव बीआर शर्मा, सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनायक, पंद्रह कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हसनैन, 16 कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एएस नंदाल, 9 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी, डीजीपी कुलदीप खुड्डा, एडिशनल डीजी के राजेन्द्रा, बीएसएफ, सीआरपी के आईजी व खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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