श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) हटाए जाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि सेना का विरोध हमें स्वीकार नहीं। मेरे पास पूरा अधिकार है कि मैं इस कानून को हटा सकूं। इसके लिए सेना की सहमति जरूरी नहीं, लेकिन हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं।
उमर ने वीरवार को यहां आयोजित शहीद अशफाक-उल्ला खान मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन समारोह में पत्रकारों से कहा कि सेना के साथ कोई ज्यादा मतभेद नहीं है। मैं खुद हैरान हूं कि यूनीफाइड कमान की बैठक में हुई बातचीत को किसने मीडिया तक पहुंचाया। राज्य के कई हिस्सों से अफस्पा हटाने का फैसला अपने तौर पर ले सकते हैं। हमारी एक चुनी हुई सरकार है और हमारे पास पूरा अधिकार है कि हम फैसला करें। इसके लिए हमें राज्यपाल से ही सिफारिश करनी है और उन्हें इन पर अमल की सहमति देनी है, लेकिन हम सबको साथ लेकर इस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। कई इलाके ऐसे हैं जहां सालों से आतंकरोधी अभियान नहीं चला है। इस कानून को हटाने का फैसला सर्दियों में ही ले लिया जाएगा। सर्दियों में हम राज्य के विभिन्न हिस्सों से चरणबद्ध तरीके से अफस्पा हटाने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। हमने यूनीफाइड कमान की बैठक में भी सैन्याधिकारियों से कहा कि वह इसके अलावा हमें कोई व्यावहारिक विकल्प बताएं। सैन्याधिकारी चाहते हैं कि इस मुद्दे पर कुछ और बातचीत हो। हमने जम्मू और कश्मीर संभाग के लिए दो सुरक्षा सलाहकार समितियों का गठन किया है। वह इस मुद्दे पर सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों से बातचीत कर रही हैं। वह भी जल्द ही अपनी रिपोर्ट देंगी। सेना का इनकार कोई ऑप्शन ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हालात सामान्य हो रहे हैं और हमें कई हिस्सों से अफस्पा हटाकर उसका असर देना चाहिए है।
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