July 5, 2011
इस्लामाबाद। पाकिस्तान भारत के साथ जंग की गुपचुप तैयारी में जुटा हुआ है। एक ओर वह तेजी से परमाणु हथियार बना रहा है और उसके मुख्य निशाने पर भारत है तो दूसरी ओर करीब 14 हजार आतंकियों की फौज तैयार कर रखी है जो भारत के साथ जंग की स्थिति में कभी भी हमला कर सकते हैं। यह खुलासा अमेरिका के मशहूर अख़बार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने पाकिस्तान में सक्रिय रहे एक आतंकवादी के हवाले से किया है। इस पूर्व आतंकी कमांडर ने अपना नाम न छापने की शर्त पर अख़बार से बातचीत की है। पूर्व कमांडर का कहना है कि पाकिस्तान पिछले तीन दशकोँ आतंकवादियों को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। इन आतंकियों के जरिए वह भारत और अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ रहा है।
गौरतलब है कि यह खुलासा पाकिस्तान के असली चेहरे को बेनकाब करता है। क्योंकि पाकिस्तान यह कहता रहा है कि वह आतंकवादियों को पनाह नहीं देता है। इसी तर्क के आधार पर वह अमेरिका से करोड़ों डॉलर की रकम हर साल लेता है। पूर्व कमांडर के मुताबिक, ‘पाकिस्तान ने 12 से 14 हजार आतंकवादियों की फौज तैयार कर रखी है जिन्हें पाकिस्तान के विभिन्न शिविरों में ट्रेनिंग दी गई है। इन्हें भारत के साथ जंग होने की स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए रिजर्व रखा गया है।’ ’रिटायर अफसर बन जाते हैं आतंकी’पूर्व कमांडर के दावे से पड़ोसी मुल्क का झूठ एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया है। पाकिस्तानी सेना से रिटायर होने वाले ज़्यादातर अधिकारी देश के चरमपंथी संगठनों के साथ जुड़ जाते हैं और आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने, खुफिया सूचनाएं मुहैया कराने का काम करते हैं।
खुलासे के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा, हरकत-उल-मुजाहिदीन और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों को धार्मिक नेता पाकिस्तानी सेना की मदद से चला रहे हैं। पाकिस्तानी सेना रणनीति तैयार करने, सुरक्षा और ट्रेनिंग का काम करती है। पूर्व कमांडर का कहना है कि पाकिस्तान में यह तंत्र अब भी काम करता है। 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान यह लगातार कहता रहा है कि उसने अपनी ज़मीन पर आतंकवादियों को मिल रही मदद को खत्म कर दिया है। आतंकवाद के खिलाफ जंग के नाम पर पिछले एक दशक में अमेरिका पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर की रकम दे चुका है। पूर्व कमांडर के मुताबिक, पाकिस्तान में मुल्ला और रिटायर जनरल यह काम कर रहे हैं। उसने कई पूर्व जनरलों, खुफिया एजेंसियों के पूर्व शीर्ष अफसरों के नाम लिए। पूर्व कमांडर ने इस मामले में मेजर जनरल जहीर उल इस्लाम अब्बासी का नाम लिया है। इस्लाम पर 1995 में बेनजीर का तख्ता पलट करने की साजिश रचने का आरोप है।
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