नई दिल्ली। पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै ने कहा कि पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत नेताओं के बजाय मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात करनी चाहिए थी क्योंकि वह जनता के वास्तविक प्रतिनिधि हैं।
पिल्लै ने कहा कि पाकिस्तान से आए नेता आमतौर पर हुर्रियत नेताओं से मिलते ही हैं। यह बड़ी बात नहीं है लेकिन यदि वह समाज के केवल एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले अलगाववादियों के बजाय उमर अब्दुल्ला से मिलतीं तो यह उपयोगी होता।
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से बातचीत के लिए भारत आने पर हिना ने पहले अलगाववादियों से मुलाकात की थी। विदेश नीति संबंधी प्रतिष्ठान ने इसे नजरअंदाज नहीं किया और उसकी राय में यह ‘अच्छा विचार नहीं’ था।
पिल्लै ने घरेलू सुरक्षा पर आयोजित एक समारोह से इतर कहा कि यदि भारत से पाकिस्तान जाने वाले कुछ नेता पाक अधिकृत कश्मीर में कुछ नेताओं से मिलते, तो मुझे पूरा विश्वास है कि पाकिस्तान को यह बात पसंद नहीं आती क्योंकि वह लोकतंत्र के पदाधिकारी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि हिना विभिन्न पक्षों की राय जानना चाहती थीं तो उन्हें जम्मू कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों से बातचीत करनी चाहिए थी।
अलगाववादियों से मुलाकात को लेकर भारत की नाराजगी के बारे हिना ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि इस मुलाकात में कुछ नया है। भारत आने वाला हर पाकिस्तानी विदेश मंत्री उनसे बातचीत करता है। (www.hindi.webdunia.com/ 28/07/2011)
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