श्रीनगर (22 July 2011)। ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी गुट ने शनिवार को घाटी बंद का आह्वान किया है। पार्टी प्रवक्ता अयाज अकबर ने बताया कि सोपोर व कुलगाम में सुरक्षाबलों द्वारा महिलाओं की गिरफ्तारी व ज्यादती और गुलाम नबी फई की अमेरिका में गिरफ्तारी के खिलाफ 23 जुलाई को घाटी में हड़ताल रहेगी और प्रदर्शन किये जाएंगे। महिलाएं आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते गिरफ्तार की गई हैं। हुर्रियत के इस धड़े का नेतृत्व सैयद अली शाह गिलानी करते हैं।
फई की गिरफ्तारी कश्मीर के लिए झटका
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक भी गुरुवार को अमेरिका में पकड़े गए कश्मीरी लॉबिस्ट [धड़ेबंदी करने वाला] गुलाम नबी फई के समर्थन में आ गए। उमर फारूक ने कहा कि किसी भी संघर्ष के लिए धन की जरूरत होती है। फई की गिरफ्तारी कश्मीर समस्या के शांतिपूर्ण समाधान के लिए झटका है। उन्होंने आशा जताई कि फई को न्याय मिलेगा। उन्होंने साफ किया कि कश्मीर का संघर्ष उसका खुद का है। इसमें उसे किसी देश या संगठन की मदद की जरूरत नहीं है।
देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है फई
कश्मीर के डीजीपी कुलदीप खुड्डा ने कहा है कि वाशिंगटन में एफबीआइ [फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्विस्टीगेशन] की गिरफ्त में आया गुलाम नबी फई आइएसआइ के पैसे का इस्तेमाल कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को शह देने के लिए करता था। वह जम्मू-कश्मीर के कई देश-विरोधी मामलों में संलिप्त है। अभी बहुत कुछ सामने आना बाकी है।
फई की गतिविधियों की सूची लंबी है और उस पर गौर करने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल एफबीआइ द्वारा की जा रही जांच के पूरा होने का इंतजार किया जा रहा है।
फई कनेक्शन से कश्मीर वार्ताकारों की टीम में भी खलबली
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर अमेरिका में भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे गुलाम नबी फई की खुल रही परतों ने कश्मीर पर सरकार की बनाई वार्ताकारों टीम में भी दरारें उजागर कर दी हैं। फई का आतिथ्य स्वीकारने को लेकर इस टीम के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार दिलीप पडगांवकर पर उठ रही अंगुली के बीच उनके साथी वार्ताकार एमएम अंसारी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है।
अंसारी ने पडगांवकर का नाम लिए बिना कहा कि फई जैसे शख्स की असलियत को जानते हुए उसका आतिथ्य स्वीकार करना दुर्भाग्यपूर्ण है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त अंसारी का यह भी कहना था कि मेहमान को अपने मेजबान की पूरी जानकारी होनी चाहिए। हालांकि अंसारी ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआइ की गिरफ्त में आए फई के न्योते पर पडगांवकर के अमेरिका दौरे और उनके वार्ताकार होने को दो अलहदा मसला करार दिया। सवालों के घेरे में आए पडगांवकर के अमेरिका दौरे का हवाला देते हुए अंसारी का कहना था कि वो 2005 की बात है जिसका उनके वार्ताकार होने से कोई संबंध नहीं है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को एफबीआइ ने फई को गिरफ्तार किया था। वाशिंगटन में गैर सरकारी संगठन कश्मीर एक्शन काउंसिल चलाने वाले फई पर एफबीआइ ने पाकिस्तान सरकार और आइएसआइ से हासिल धन से कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राजनेताओं को प्रभावित करने के आरोप में गिरफ्तार किया। अदालत में दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक फई ने बीते कुछ सालों में पाकिस्तान सरकार से लाखों डॉलर हासिल किए हैं।
ब्राइलक्रीम और 30 प्लस कोड से आइएसआइ भेजता था पैसा
'ब्राइलक्रीम' और '30 प्लस' कुछ ऐसे गुप्त कोड थे जिसके माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और कश्मीरी अलगाववादी नेता गुलाम नबी फई के बीच पैसे का लेनदेन होता था। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआइ ने फई को हाल ही में गिरफ्तार किया है।
एफबीआइ द्वारा कोर्ट में पेश शपथ पत्र में जांचकर्ताओं ने कहा है कि फई का पाकिस्तानी सूत्रधार जावेद अजीद खान ने उससे पूछा था कि क्या तुम्हें सारा सामान मिल गया? इसके जवाब में फई ने कहा था कि 75 मिलीग्राम ब्राइलक्रीम के अलावा उसे सबकुछ मिल गया है।
जांचकर्ताओं को संदेह है कि कश्मीरी अमेरिकी परिषद के माध्यम से अमेरिका कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार जारी रखने के लिए फई द्वारा मांगे गए 75 हजार डॉलर के लिए यह कूट भाषा थी। उसी बातचीत में फई ने उससे दो-तीन पीस ब्राइलक्रीम [बालों में लगाने वाला क्रीम] लंदन लेते आने को कहा था। इसके बारे में एफबीआइ को संदेह है कि उसने अपने पाकिस्तानी आकाओं से 20-30 हजार डॉलर की मांग की थी। अगले वर्ष फई ने अपने एक अन्य पाकिस्तानी आका अहमद से पैसे के लिए कूट शब्द शक्तिवर्धक कैप्सूल '30 प्लस' की मांग की। एफबीआइ का मानना है कि फई ने अपने लिए 30 हजार डॉलर की मांग की थी। एफबीआइ ने शपथ पत्र में कहा है कि इस बातचीत के बाद कश्मीरी अमेरिकी परिषद के खाते में इस वर्ष 10 जनवरी से 28 मार्च के बीच तीन चेक के जरिए 23 हजार डॉलर जमा किए गए।
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