नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने माना है कि 1990 के दशक की शुरुआत में हथियारों का प्रशिक्षण लेने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) चले गए युवाओं के लौटने की राह आसान नहीं है। हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि मुख्यधारा में आने के इच्छुक जम्मू-कश्मीर के युवाओं की वापसी के लिए सरकार कोशिश कर रही है। प्रेस वार्ता के दौरान चिदंबरम से पूछा गया कि जो युवा भारत लौटने के इच्छुक थे, क्या पाकिस्तान की आइएसआइ या दूसरे आतंकवादी गुटों ने उनका अपहरण कर लिया था, इस पर उन्होंने जानकारी होने से इनकार किया।
चिदंबरम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार को आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के लिए कई आवेदन मिले हैं और 28 नामों की सूची बनाई है, जिन्हें एलओसी की भारत के तरफ लौटने के लिए यात्रा दस्तावेजों का लाभ दिया जा सकता है। इनके परिवारों ने प्रदेश सरकार से संपर्क करके आग्रह किया था कि उनके संबंधी आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। इन परिवारों को परामर्श दिया गया है कि उनके संबंधी इस्लामाबाद में भारतीय अभियान से संपर्क कर सकते हैं, जहां उन्हें एक अस्थायी यात्रा दस्तावेज दिया जाएगा। इसके माध्यम से वे बाघा या किसी और बिंदु से सीमा पार कर सकते हैं।
प्रदर्शनकारियों से निपटने के मुद्दे में उमर अब्दुल्ला सरकार के बारे में टिप्पणी करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि सरकार ने इस बारे में सबक सीखा है। श्रीनगर के घनी आबादी वाले इलाकों की चिदंबरम की हाल की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,मुझे लगता है कि खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। देश के अंदर पनप रहे आतंकवादी गुटों से बढ़ रहे खतरों पर चिंता जताते हुए गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि ऐसे गुट अब अनुभवहीन नहीं रहे, बल्कि इन्हें बम बनाने और उन्हें इधर से उधर ले जाने में भी विशेषज्ञता हासिल हो गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या हाल ही में हुए मुंबई हमले में शक की सुई आइएम की ओर इशारा कर रही है, उन्होंने कहा, नहीं। मैंने कहा है कि मुंबई पुलिस ने अभी तक मेरे साथ कोई जानकारी साझा नहीं की है और मैं कोई विवरण देने की स्थिति में नहीं हूं। चिदंबरम से आइएम जैसे गुटों की ताकत के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में आखिरी जानकारी यही मिली थी कि मुंबई पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को इस बारे में कुछ अहम जानकारी मिली है। चिदंबरम ने कहा कि एटीएस ने उनके साथ कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है और वह कोई जानकारी देने की स्थिति में नहीं हैं।
(दैनिक जागरण)
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