नई दिल्ली। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि कश्मीर मुद्दे पर नियुक्त वार्ताकारों की रिपोर्ट पेश हो जाने पर उसकी सिफारिशों पर गौर करने के लिए केन्द्र सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाएगी। चिदंबरम ने कहा, ‘‘सर्वदलीय बैठक के बाद ही वार्ताकारों की नियुक्ति हुई थी। इसलिए मुझे लगता है कि वार्ताकारों की रिपोर्ट आ जाने पर मैं अपने सहयोगियों और प्रधानमंत्री से पूछूंगा- संभवतः हम रिपोर्ट सर्वदलीय बैठक में रखेंगे।”
उन्होंने बताया कि वार्ताकारों ने अपना अधिकांश काम कर लिया है और अब अपनी सिफारिशों को पेश करने की प्रक्रिया में हैं। तीनों वार्ताकारों की ओर से रिपोर्ट पेश किए जाने की कोई तारीख तय नहीं की गई है। लेकिन सूत्रों ने बताया कि आखिरी रिपोर्ट संभवतः इस साल सितंबर तक सरकार को सौंप दी जाएगी।
पत्रकार दिलीप पडगांवकर, शिक्षाविद् प्रो. राधा कुमार और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त एम.एम. अंसारी तीन सदस्यीय वार्ताकार पैनल के सदस्य हैं। कश्मीर घाटी में अलगाववादियों की शह पर फैली व्यापक अशांति के मद्देनजर पिछले साल हुई सर्वदलीय बैठक के बाद केन्द्र ने इस मुद्दे पर आठ सूत्री कश्मीर फार्मूले की घोषणा की थी। इस पैनल की नियुक्ति उसी का हिस्सा है। ये वार्ताकार अब तक राज्य की 10 यात्राएं कर चुके हैं और इस दौरान वे 22 में से 18 जिलों में 5 हजार से अधिक लोगों से मिले। इनमें राजनीतिक नेता, श्रमिक नेता, वकील, छात्र संघ और निर्वाचित पंच तथा सरपंच शामिल हैं। यह पैनल अब शेष बचे चार अन्य जिलों- शोपियां, कुपवाड़ा और बारामुला तथा जम्मू के सांभा का दौरा करेगा।
यह पैनल छह सप्ताह पहले अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश कर चुका है। इन वार्ताकारों के अधिकार क्षेत्र में अलगाववादियों सहित राज्य के सभी तरह के पक्षकारों और मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से बातचीत करना शामिल है। यह पैनल राज्य के तीनों प्रमुख क्षेत्रों- जम्मू, लद्दाख और कश्मीर में व्याप्त विचारों का अध्ययन करेगा। जामिया मिलिया इस्लामिया में नेलसन मंडेला संस्थान की प्रमुख राधा कुमार उदारवादी हुर्रियत अध्यक्ष मीरवाइज़ उमर फारुक और कट्टरपंथी अली शाह गिलानी से पिछले दरवाजे से चर्चा कर चुकी हैं।
हालांकि, फारुक और गिलानी के असर वाले धड़ों सहित हुर्रियत कांफ्रेंस का कोई भी गुट औपचारिक रूप से वार्ताकारों से नहीं मिला है। हुर्रियत के पूर्व अध्यक्ष और प्रमुख शिया नेता मौलाना अब्बास अंसारी एक वार्ताकार से जरूर मिले हैं लेकिन वह भी व्यक्तिगत क्षमता में। इसके अलावा केन्द्र ने जम्मू और लद्दाख क्षेत्रों के लिए दो विशेष कार्यबल गठित करने की भी घोषणा की है। ये बल इन क्षेत्रों की ढांचागत जरूरतों का अध्ययन करके उस बारे में केन्द्र को अपनी सिफारिशें देंगे।
(प्रभासाक्षी, 26/07/2011)
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