Saturday, October 29, 2011

अफस्पा पर टकराव


श्रीनगर। राज्य में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) को हटाने के मुद्दे पर अब सत्ताधारी गठबंधन में भी मतभेद सामने आने लगे हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रो. सैफुद्दीन सोज ने जहां इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर कांग्रेस व केंद्र को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया। वहीं उमर ने दावा किया है कि केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम को विश्वास में लेकर ही राज्य सरकार इस संदर्भ में आगे बढ़ रही है। उमर ने कहा कि मुझे अच्छी तरह मालूम है कि एक मुख्यमंत्री के तौर पर मेरी क्या जिम्मेदारियां हैं और उन्हें कैसे निभाया जाना चाहिए।  
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 21 अक्तूबर को श्रीनगर में आयोजित एक समारोह में राज्य के कुछ हिस्सों से अफस्पा हटाने का ऐलान किया था। प्रो. सोज ने अफस्पा हटाने के मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह देश की सुरक्षा और कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ा मामला है। यहां आतंकवाद पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने ऐसे हालात में बिना किसी घटक दल को विश्वास में लिए अफस्पा हटाने का ऐलान कर दिया है, जो अनुचित है। कांग्रेस राज्य में सत्तासीन गठबंधन की प्रमुख भागीदार है। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में न हमसे कोई बात की है और न किसी अन्य घटक दल से। उन्हें इस बारे में कोई भी फैसला  लेने से पूर्व घटक दलों की समन्वय समिति की बैठक में चर्चा करानी चाहिए थी। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय को भी मुख्यमंत्री ने विश्वास में नहीं लिया है। कम से कम उसे तो यकीन में लिया जाना चाहिए था।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि जरूरी नहीं कि उमर मुझे बुलाते और एक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करते। मुख्यमंत्री चाहते तो फोन पर भी बात हो सकती थी। उमर अकेले ही इस मुद्दे पर गोल ठोंकना चाहते हैं, लेकिन इस तरह से खेल नहीं खेला जाता, इस तरह से गठबंधन की सियासत नहीं चलती। प्रो. सोज के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उमर ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम को पूरी तरह विश्वास में लिया गया है। केंद्र से इस संदर्भ में लगातार संवाद जारी है। अगर प्रो. सोज चाहते हैं कि इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए तो वह घटक दलों की समन्वय समिति की बैठक में इस मामले को उठा सकते हैं, उन्हें किसने रोका है। समन्वय समिति के अध्यक्ष तो प्रो. सोज ही हैं, वह जब चाहें बैठक बुला सकते हैं। 
इस बीच, कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता और मौजूदा कैबिनेट मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने प्रो. सोज के विपरीत दावा किया कि मुख्यमंत्री ने अफस्पा हटाने का ऐलान करने से पूर्व उनसे बातचीत की थी। पीएचई मंत्री ने कहा कि हम भी इस कानून को हटाने के खिलाफ नहीं हैं, क्योंकि इसे एक दिन हटाना ही है। लेकिन हम चाहते हैं कि इसपर कोई भी फैसला लेने से पूर्व केंद्रीय सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों की राय जरूर ली जाए।

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