नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चीनी सैनिकों की संख्या और मौजूदगी की शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने पुष्टि कर दी है। सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के मुताबिक पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में करीब चार हजार चीनी मौजूद हैं। इनमें चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक भी हैं। पीओके में चीनी मौजूदगी न केवल पाकिस्तान और चीन की नापाक साझेदारी का सुबूत है, बल्कि भारत के लिए चिंता का सबब भी। जनरल सिंह ने कहा कि पीओके में चीन की कई कंस्ट्रक्शन टीमें काम कर रही हैं। ऐसे करीब तीन से चार हजार लोग हैं जिनमें कई सुरक्षा कारणों से हैं। इनमें कई इंजीनियर टुकडि़यां भी हैं।
फील्ड मार्शल केएम करियप्पा स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम के बाद सेनाध्यक्ष पाक अधिकृत कश्मीर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी के सवालों के जवाब दे रहे थे। इससे पहले वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउनी भी कह चुके हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी ने भारत का ध्यान खींचा है। अप्रैल 2011 में उत्तरी कमान के तत्कालीन प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनायक ने कहा था कि गिलगिट और बाल्टिस्तान क्षेत्र में चीनी सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था पाक-चीन गठजोड़ भारत और पाक के बीच किसी संघर्ष की सूरत में भारतीय सुरक्षा हितों को प्रभावित करेगा। सूत्रों के मुताबिक जब भी भारत ने चीन के साथ मामला उठाया है तो उसे जवाब दिया गया कि बीजिंग पाकिस्तान की स्थिरता के लिए मदद करने की इच्छा से वहां है। भारतीय खेमा मानता है कि चीनी सैनिकों को किसी भी सूरत में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रहने का हक नहीं है। अगस्त, 2010 में पाक अधिकृत कश्मीर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी के बाबत अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मीडिया में आई खबरों के बाद सरकार ने कहा था कि भारत इन सूचनाओं की पड़ताल कर तथ्यों की पुष्टि कर रहा है।
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